बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग ने मनाई रविन्द्र नाथ ठाकुर की जयंती
राष्ट्र संवाद संवाददाता
बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग ने मनाई रविन्द्र नाथ ठाकुर की जयंती .स्वागत भाषण देते हुए डॉ जूही समर्पिता ने गुरुदेव टैगोर के बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें अद्भुत कवि, कथाकार, शिक्षा विद, चित्रकार थे . मुख्य अतिथि सोमा बनर्जी ने
दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. डॉ रागिनी भूषण ने सुधा गोयल ने गुरु रविन्द्र नाथ की कविता मालती का अनुवाद कर सुनाया.
DBMS College of Education की छात्राओं ने
भानु शृंगर पदावली की बहुत सुन्दर प्रस्तुति कर दर्शकों की प्रशंसा पायी.अंतरा सरकार, दिया प्रामाणिक, सुमेधा पाठक, त्रिशा सरकार, ने गुरुदेव टैगोर की पदावली पर नृत्य प्रस्तुत किया.
रेणु बाला मिश्रा ने स्व- रचित कविता से भाव पूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की.
सरिता सिंह ने अपनी कविता….’लेकिन लिखना तुम ‘ सुनायी.
गीता दुबे ने स्व रचित कहानी ‘अनकही ‘ सुनायी. पूर्वी घोष ने बंगला कविता सुना कर मंत्र मुग्ध कर दिया.
मुख्य अतिथि सोमा बैनर्जी ने अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि गुरुदेव ने दो देशों का राष्ट्र गीत लिखा और श्री लंका का राष्ट्रीय गीत भी गुरुदेव की रचना से प्रेरित है यह कम log जानते हैं. उन्होंने कहा कि आज भी गुरुदेव प्रासंगिक हैं. उनकी कहानियो पर आधारित अनेक फ़िल्में बनी हैं .आज शिक्षा के क्षेत्र में जो नीति लायी जा रही है वह गुरुदेव ने आज से सौ वर्षों से पहले शुरू किया था.
धन्यवाद ज्ञापन मोहम्मद शाहनवाज आलम ने किया. कार्यक्रम का संचालन पामेला घोष दत्ता ने किया. कार्यक्रम में शिक्षा विद, समाज सेवी, साहित्यकार और छात्रों की बहुत प्रेरणा दायक उपस्थिति थी.
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्या तीसरी, रागिनी भूषण, हरि मित्तल, अरुणा झा,संध्या सिन्हा, लक्ष्मी झा, रत्ना भट्टाचार्य, बलविंदर सिंह, निशित सिन्हा, माम चंद अग्रवाल, अनुज कुमार,अमित, रोहित, अंकुर, पुष्पा विलइ, आदि की महत्व पूर्ण भूमिका रही. सभी ने गुरुदेव को बहुत शिद्दत से याद किया और उनके मार्ग पर चलने का संकल्प लिया.