सरायकेला के प्राचीन रथयात्रा के दौरान इस बार नए रथ पर सवार होंगे भगवान जगन्नाथ
राष्ट्र संवाद, संवाददाता
सरायकेला के प्राचीन जगन्नाथ मंदिर से इस साल भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नए रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे. श्री श्री जगन्नाथ सेवा समिति की ओर से शुक्रवार को एक बैठक कर इसकी रूपरेखा तैयार की गई. आयोजकों ने बताया कि भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा की तैयारी शुरू कर दी गई है. इस बार महाप्रभु चार लाख की लागत से निर्मित रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण करते हुए मौसी बड़ी के लिए प्रस्थान करेंगे. राजा सिंहदेव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस वर्ष पुरी की तर्ज पर भगवान जगन्नाथ के रथ निर्माण का निर्णय लिया गया, जिसके लिए ओडिसा से आए रथ निर्माणकर्ता गुरुपद महाराणा के साथ समिति ने करार किया है.
जानकारी देते हुए राजा सिंहदेव ने बताया कि प्रत्येक वर्ष श्री श्री जगन्नाथ सेवा समिति की ओर से पुरी की तर्ज पर भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का आयोजन किया जाता है. इस वर्ष भी समिति, जगन्नाथ भक्त एवं स्थानीय विधायक चंपाई सोरेन के सहयोग से भव्य रथयात्रा का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने कहा की बहुत समय से भगवान जगन्नाथ के नए रथ के निर्माण की मांग उठ रही थी. इस वर्ष समिति द्वारा भगवान के नए रथ का निर्माण करवाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए ओडिसा के कोणार्क से आए रथ निर्माणकर्ता गुरुपद महाराणा के साथ करार किया गया है.
30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर राजा आदित्य प्रताप सिंहदेव एवं स्थानीय विधायक चंपाई सोरेन की उपस्थिति में भव्य कार्यक्रम के साथ रथ निर्माण कार्य का शुभारंभ किया जाएगा. उन्होंने कहा कि रथ के निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की जा रही है. वहीं रथ निर्माण कर्ता गुरुपद महाराणा ने बताया कि मेरे लिए प्रभु के रथ का निर्माण करना सौभाग्य की बात है. समय पर रथ निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा. वहीं कमेटी के उपाध्यक्ष सनंद कुमार आचार्य ने बताया कि इस बार सरायकेला का रथयात्रा ऐतिहासिक होगा. उन्होंने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के सहयोग से इसबार रथ यात्रा महोत्सव की शुरुआत होगी. वे भी इसमें शामिल होंगे.