ट्रंप का भारत के साथ रक्षा क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाने का ऐलान,भारत को मिलेंगे एफ-35 लड़ाकू विमान
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से वार्ता के बाद यहां दोनों देशों के बीच रक्षा और ऊर्जा समेत अन्य रणनीतिक संबंधों को व्यापक बनाने की दिशा में बड़ी छलांग लगाने का ऐलान करते हुए कहा कि वाशिंगटन भारत को अत्याधुनिक एफ-35 लड़ाकू विमान देगा।
ट्रंप ने कहा कि भारत व्यापार घाटे को कम करने के लिए अमेरिका से एफ-35 लड़ाकू विमानों सहित अधिक तेल, गैस और सैन्य उपकरण खरीदेगा, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि वाशिंगटन जवाबी शुल्क से भारत को नहीं बख्शेगा।
ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक कार्यालय एवं आवास ‘व्हाइट हाउस’ में स्थित अपने ओवल कार्यालय में बृहस्पतिवार (भारतीय समयानुसार, शुक्रवार) को मोदी से हाथ मिलाकर और गले लगाकर गर्मजोशी से उनका स्वागत किया तथा प्रधानमंत्री को लंबे समय से अपना ‘‘अच्छा मित्र’’ और ‘‘शानदार’’ व्यक्ति बताया।
मोदी के साथ व्यापक बातचीत करने के बाद, ट्रंप ने कहा कि दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच एक ‘विशेष संबंध’ है और दोनों पक्षों ने ऊर्जा, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों और संचार-संपर्क जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है।
वार्ता के बाद प्रधानमंत्री के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों पक्ष जल्द एक बड़े व्यापार समझौते पर पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने भारत द्वारा कुछ अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए आयात शुल्क को ‘‘बहुत अनुचित’’ और ‘‘कड़ा’’ बताया।
ट्रंप ने कहा, ‘‘भारत जो भी शुल्क लगाएगा, हम भी वही शुल्क लगाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत हमारे साथ जो कर रहा है, हम उसके साथ भी वही व्यवहार कर रहे हैं।’’
मोदी-ट्रंप की यह बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा अमेरिका के सभी व्यापारिक साझेदारों के लिए नयी जवाबी शुल्क नीति की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद हुई है, जो उनके प्रशासन द्वारा शुरू की गई ऐसी कार्रवाइयों की श्रृंखला में नवीनतम है।
अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा कि वह और प्रधानमंत्री मोदी ऊर्जा पर एक समझौते पर पहुंचे हैं, जिससे भारत में अमेरिका तेल और गैस का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन जाएगा।। उन्होंने कहा कि यह भारत के साथ अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने के उपायों का हिस्सा है, जो वर्तमान में लगभग 45 अरब अमेरिकी डॉलर है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों ने समग्र रक्षा साझेदारी का विस्तार करने का निर्णय लिया है।
ट्रंप ने कहा, ‘‘इस वर्ष से हम भारत को सैन्य बिक्री में कई अरब डॉलर की वृद्धि करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत को अंततः एफ-35 लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं।’’ एफ35 जेट विमानों को दुनिया में सबसे घातक, टिकाऊ और ‘कनेक्टेड’ लड़ाकू विमानों के रूप में जाना जाता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी घोषणा की कि भारत और अमेरिका दुनिया भर में कट्टरपंथी इस्लामी आतंक के खतरे का मुकाबला करने के लिए इस तरह काम करेंगे जैसा ‘पहले कभी नहीं’ किया गया।
उन्होंने मुंबई पर 26/11 हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।’’
राणा वर्तमान में लॉस एंजिलिस के एक ‘मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर’ में हिरासत में है। माना जाता है कि उसके पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से संबंध हैं, जो आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।
ट्रंप ने कहा, ‘‘वह न्याय का सामना करने के लिए भारत वापस जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उसे ‘‘तुरंत भारत वापस भेज रहे हैं’’ और इस तरह के और प्रत्यर्पण हो सकते हैं क्योंकि हमारे पास (भारत से ) काफी अनुरोध हैं।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने असैन्य-परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में भारत-अमेरिका सहयोग में सकारात्मक प्रगति का भी उल्लेख किया।
ट्रंप ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार में अमेरिकी परमाणु प्रौद्योगिकियों का स्वागत करने के लिए भारत अपने कानूनों में सुधार कर रहा है।’’
अपनी टिप्पणी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच सहयोग एक बेहतर दुनिया को आकार दे सकता है। मोदी ने कहा कि अगले दशक के लिए एक रक्षा सहयोग ढांचा तैयार किया जाएगा।
मोदी ने कहा, ‘‘एक बात जिसकी मैं गहराई से सराहना करता हूं और जो मैंने राष्ट्रपति ट्रंप से सीखी है, वह यह है कि वे (अमेरिका के) राष्ट्रीय हित को सर्वोच्च मानते हैं। उनकी तरह मैं भी भारत के राष्ट्रीय हित को हर चीज से ऊपर रखता हूं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या कारोबारी गौतम अदाणी से जुड़ा मुद्दा बातचीत में उठा, मोदी ने कहा, ‘‘भारत एक लोकतंत्र है और हमारी संस्कृति ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की है। हम पूरी दुनिया को एक परिवार मानते हैं। मेरा मानना है कि हर भारतीय से मेरा नाता है।’’
मोदी ने कहा कि दो नेताओं के बीच बातचीत में ऐसे व्यक्तिगत मामलों पर चर्चा नहीं की जाती।
उन्होंने कहा, ‘‘दो देशों के दो प्रमुख नेता कभी भी ऐसे व्यक्तिगत मुद्दों पर चर्चा नहीं करते।’’
पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों पर ट्रंप ने इन ‘‘झड़पों’’ को ‘‘निंदनीय’’ बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सीमा पर झड़पों को देख रहा हूं जो काफी निंदनीय हैं…।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह चाहते हैं कि चीन, भारत, रूस और अमेरिका – सभी अच्छी तरह से मिल-जुलकर रहें।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर सवालों के जवाब भी दिए।
मोदी ने कहा, ‘‘मैं युद्ध को समाप्त करने के लिए संभावित समाधान खोजने की दिशा में डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों का समर्थन करता हूं। दुनिया को पता नहीं क्यों यह लगता है कि भारत युद्ध के दौरान तटस्थ रहा है। लेकिन मैं दोहराना चाहूंगा कि भारत तटस्थ नहीं रहा है। वास्तव में, भारत शांति के पक्ष में रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिला था, तो मैंने यहां तक कहा था कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है’। मैंने यह भी कहा था कि युद्ध के मैदान में समाधान नहीं खोजा जा सकता। समाधान तभी निकल सकते हैं जब सभी पक्ष बातचीत के लिए मेज पर बैठें।’’
महत्वाकांक्षी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर, ट्रंप ने कहा कि दोनों पक्ष विश्व स्तर पर इतिहास में ‘‘सबसे बेहतर व्यापार मार्गों’’ में से एक के निर्माण में मदद करने के लिए काम करेंगे।
ट्रंप से मुलाकात से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड, अरबपति एलन मस्क और रिपब्लिकन पार्टी के नेता विवेक रामास्वामी के साथ अलग-अलग बातचीत की।