सांसद विद्युत महतो ने की माइंस मिनिस्टर से मुलाक़ात
आई सी सी स्मेलटर प्लांट को डेवलप कर एक लाख मीट्रिक टन क्षमता करने की मांग
राष्ट्र संवाद संवाददाता
सांसद विद्युतवरण महतो ने हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) की मऊभण्डार स्थित इकाई इंडियन कॉपर कॉम्प्लेक्स (आईसीसी) के स्मेल्टर प्लांट को नए सिरे से डेवलप कर चलाने की मांग की है। सांसद ने मऊभण्डार स्थित स्मेल्टर प्लांट को मॉडिफाई कर इसकी क्षमता बढ़ाकर एक लाख मिट्रिक टन करने की मांग की है। सांसद विद्युतवरण महतो ने यह मुद्दा नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रियों और सांसदों के बीच आयोजित हाई पावर कमिटी की बैठक के दौरान उठाया है। उन्होंने केंद्रीय खनन मंत्री जी किशन रेड्डी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा की मेरे जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र के घाटशिला-मऊभंडार में एचसीएल की स्मेल्टर प्लांट वर्ष 1932 से स्थापित है। ताम्र अयस्क की कमी के कारण स्मेल्टर प्लांट में उत्पादन कार्य दिसंबर-2019 से ही बंद है। यहां कम्पनी की सुरदा माइंस संचालित है। राखा व चापड़ी माइंस के संचालन के लिए आपके (खान मंत्री) उपस्थिति में एचसीएल और साउथ वेस्ट माइनिंग लिमिटेड के बीच समझौता भी हुआ हैं। केंदाडीह माइंस में भी उत्पादन शुरु करने की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में यहां उत्पादित होने वाली ताम्र अयस्क का समुचित उपयोग हो सकें, इसके लिए जरूरी है की मऊभंडार स्मेल्टर प्लांट को मॉडिफाई कर इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर एक लाख मिट्रिक टन किया जाएं। सांसद ने खान मंत्री से प्लांट को मॉडिफाई कर क्षमता बढ़ाने हेतु आवश्यक फंड उपलब्ध कराने की मांग की है। सांसद के मांग पर खान मंत्री ने अपने ओएसडी को पूरे मामले को एग्जामिन करने का निर्देश दिया। उन्होंने मामले को समझकर पुनः सांसद के साथ बैठक आयोजित करने का भरोसा दिया। हाई पावर कमिटी मीटिंग में केंद्रीय खान मंत्री जी किशन रेड्डी के साथ ही केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण की राज्य मंत्री निमुबेन जयंती भाई बांभणिया भी उपस्थित थे।
सांसद ने मऊभंडार स्मेल्टर प्लांट की क्षमता को बढ़ाकर जल्द चालू कराने के लिए विविध कारणों की भी खान मंत्री को दी जानकारी
खान मंत्री किशन रेड्डी से मऊभंडार स्थित स्मेल्टर प्लांट को मॉडिफाई कर उत्पादन की क्षमता बढ़ाकर एक लाख मिट्रिक टन करने के पीछे सांसद विद्युतवरण महतो ने कई एक कारण भी बताए है। सांसद प्रतिनिधि दिनेश साव के मुताबिक सांसद ने केंद्रीय खान मंत्री को बताया की स्मेल्टर प्लांट से महज कुछ ही दूरी पर सुरदा, राखा-चापड़ी एवं केंदाडीह माइंस है जिससे उत्पादित होने वाली कॉपर अयस्क का उपयोग बहुत ही कम लागत पर किया जा सकता है। स्मेल्टर प्लांट के लिए पानी की काफ़ी अच्छी व्यवस्था है। प्लांट से जीरो किलोमीटर से होकर ही स्वर्णरेखा नदी गुजरती है जिससे पानी की समस्या बिल्कुल नहीं होगी। झारखण्ड बिद्युत वितरण निगम लिमिटेड की बिजली का सीधा सप्लाई प्लांट तक होती है जिससे बिजली भी आसानी से उपलब्ध है। प्लांट से घाटशिला रेलवे स्टेशन की दूरी मात्र 2 किलोमीटर की है। प्लांट तक रेलवे की लाइन बिछी हुई है जिससे आसानी से माल की आवाजाही हो सकती है। स्मेल्टर प्लांट से हल्दिया बंदरगाह की दूरी भी 150 से 200 किलोमीटर के बीच है जिसका लाभ बंदरगाह से माल की आवाजाही में आसानी से उठाया जा सकता है। सांसद ने बताया की
प्लांट में निर्मित कॉपर का उपयोग अयोध्या में प्रभू श्रीराम के बने भव्य मंदिर में भी किया गया है जिससे क्षेत्र के लोगों की भावना प्रभू श्रीराम के मंदिर से जुड़ गयी है। ऐसे में लोगों की चाहत है की यहां वृहद प्लांट की स्थापना की जाएं। घाटशिला आदिवासी बहुल एरिया है जहां अनुसूचित जाती और पिछड़ा वर्ग के लोग भी बड़ी संख्या में रहते है। वृहद स्मेल्टर प्लांट की स्थापना से गरीब जरूरतमंदों को रोजगार मिल सकेगा तथा क्षेत्र का समुचित विकास भी संभव हो सकेगा। दिनेश साव के मुताबिक मऊभंडार प्लांट को मॉडिफाई कर इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाना आवश्यक है। यही कारण है की बंद खदानों के साथ ही सांसद विद्युतवरण महतो मऊभंडार प्लांट को भी खुलवाने के लिए प्रयासरत है।