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    Home » हर साल किताबें बदलने की व्यवस्था पर रोक लगाए शिक्षा विभाग
    Breaking News जमशेदपुर

    हर साल किताबें बदलने की व्यवस्था पर रोक लगाए शिक्षा विभाग

    पुराने किताब प्रोत्साहित करने वालों को पुरस्कृत करे विभाग
    Devanand SinghBy Devanand SinghFebruary 4, 2025No Comments2 Mins Read
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    हर साल किताबें बदलने की व्यवस्था पर रोक लगाए शिक्षा विभाग
    पुराने किताब प्रोत्साहित करने वालों को पुरस्कृत करे विभाग

    जमशेदपुर। कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व छात्र नेता कुलविंदर सिंह ने झारखंड के शिक्षा विभाग से आग्रह किया है कि निजी विद्यालयों में हर साल किताबें बदलने की व्यवस्था पर रोक लगाए। वही उन विद्यालयों के प्रबंधकों को पुरस्कृत किया जाए, जो कई साल तक पुस्तक नहीं बदलते हैं और पुरानी लेने को अपने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हैं।
    कुलविंदर सिंह ने इस आशय का ट्वीट एक्स पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को किया है।

     

    कुलविंदर सिंह के अनुसार शहर के कई विद्यालयों में ऐसा देखने को मिलता है कि वह हर साल पुस्तक बदल देते हैं और नए प्रकाशक का चयन करते हैं। विद्यालय में यदि पुस्तक मिल जाती है तो अभिभावक राहत की सांस लेते हैं अन्यथा बाजारों में वह पुस्तक उपलब्ध ही नहीं होती है।
    जमशेदपुर जैसे शहर में लोयोला स्कूल जैसे कई विद्यालय हैं जो अगले चार-पांच सालों तक पुस्तक नहीं बदलते और विद्यार्थियों को पुरानी लेने को प्रेरित करते हैं और इस आशय की सूचना अभिभावक को पहले ही दे देते हैं।

     

    कुलविंदर सिंह के अनुसार हर साल पुस्तक बदलने की परंपरा यह दिखाती है कि विद्यालय का उद्देश्य पैसे बनाना है। विद्यालय प्रबंधन को चाहिए कि वह किताबें बदलने की बजाय अपने शिक्षकों को प्रत्येक वर्ष रिफ्रेशर कोर्स करते रहे और बच्चों को अद्यतन जानकारी देते रहें और इसके लिए उन्हें पुस्तक से बाहर निकालने की भी जरूरत है।

     

    निजी विद्यालय में स्मार्ट क्लास है और वहां हर साल किताबें बदलने की व्यवस्था ठीक नहीं है।
    कुलविंदर सिंह के अनुसार शिक्षा विभाग को चाहिए कि वह विद्यालय में ही पुस्तकों को वैसे ही उपलब्ध कराने को प्रबंधक को निर्देश दें जैसे वह खुद अपने सरकारी विद्यालयों में बच्चों को पुस्तक उपलब्ध कराते हैं।

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