नई दिल्ली. मोदी सरकार ने किसानों और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए दो महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने कच्चे जूट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि करने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) को अगले पांच वर्षों तक जारी रखने का निर्णय लिया है। 2025-26 विपणन सत्र के लिए कच्चे जूट का एमएसपी ₹5,650 प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो 2024-25 के ₹5,335 प्रति क्विंटल से ₹315 अधिक है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इस वृद्धि से किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर 66.8% का लाभ मिलेगा।
सरकार पिछले एक दशक में जूट किसानों के हित में लगातार एमएसपी बढ़ा रही है। 2014-15 में जहां यह ₹2,400 प्रति क्विंटल था, वहीं अब यह ₹5,650 प्रति क्विंटल हो गया है, जो 2.35 गुना की वृद्धि को दर्शाता है। यह कदम न केवल किसानों की आय में सुधार करेगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में स्थिरता और टिकाऊ उत्पादन को भी प्रोत्साहित करेगा।
सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) को अगले पांच वर्षों तक जारी रखने का फैसला किया है। पिछले 10 वर्षों में एनएचएम ने स्वास्थ्य सेवाओं में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, 2021-22 तक लगभग 12 लाख स्वास्थ्यकर्मी एनएचएम के तहत काम कर रहे हैं। इस मिशन ने कोविड-19 महामारी के दौरान प्रभावी ढंग से देश को मुकाबला करने में मदद की। एनएचएम के जरिए ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया गया है, जिससे करोड़ों लोगों को लाभ हुआ है। सरकार के ये फैसले किसानों की आय में वृद्धि और देश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में अहम कदम माने जा रहे हैं।