भजन में ही जीवन का सार होता है: कथावाचक
राष्ट्र संवाद संवाददाता
श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के पंचम दिवस कथा व्यास जी ने बताया कि भगवत कथा का श्रवण करने से जीवन मे सुख शांति का समावेश होता है। धर्म के प्रति आस्था बढ़ती है। जहां भी जिस समय भी श्रीमद् भागवत कथा सुनने का अवसर प्राप्त हो, इस अवसर को कभी भी नही छोड़ना चाहिए। भजन में ही जीवन का सार होता है। प्रारंभ में यजमान परिवार के द्वारा व्यास गादी की पूजा अर्चना की गई। कथा वाचक शास्त्री ने माता पिता की सेवा किए जाने का आवश्यक बताते हुए कहा कि जिस ने भी माता पिता की निस्वार्थ भाव से सेवा कर ली। समझ लो उसने सभी तीर्थों की यात्रा करली। माता पिता के चरणों में ही तीर्थ है। उन्होंने कहा कि चौरासी लाख योनियों मे भटकने के बाद यह मानव तन मिला है इसका उपयोग सत्य के मार्ग पर चलने में लगा दो । जन्म सफल हो जाएगा। उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने से जीवन में भगवान की भक्ति जाग्रत हो जाती है। संसार में चारो और मोह माया व्याप्त है जिसमें मानव फंस कर अपने अमूल्य जीवन को नष्ट कर रहा है। जबकि मनुष्य का शरीर अनेक जन्मों के पुण्यों के फल स्वरुप प्राप्त हुआ है। जिसका उद्देश्य संसार में परमात्मा के चरणों का आश्रय लेकर सदाचारी रुप से जीवन यापन करके मोक्ष प्राप्त करना चाहिए, लेकिन भटकाव के कारण मानव इस संसार को नित्य मान लेता है। जबकि परमात्मा ही इसके मूल में सत्य रूप में विराजमान है। उनकी भक्ति का प्रादुर्भाव हम सभी को भागवत श्रवण से प्राप्त होता है। कथा के दौरान आज गोवर्धन पूजन का आयोजन किया कथा में क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।