राष्ट्रकवि दिनकर एक दूरदर्शी सोच के धनी व्यक्ति थे, राष्ट्रकवि जनता और सत्ता दोनों के लिए ही थे: राकेश सिन्हा
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर :हिंदी दिवस सह राष्ट्रीय कवि रामधारी सिंह दिनकर के जयंती के उपलक्ष्य पर जमशेदपुर स्थित श्री कृष्णा सिन्हा संस्थान द्वारा एक विचार गोष्ठी का आयोजन संस्था के सभागार मे किया गया जहां मुख्य रूप से पूर्व राजयसभा सांसद प्रोफ़ेसर डॉ राकेश सिन्हा उपस्थित रहे, कार्यक्रम मे शहर के कई शिक्षाविद भी उपस्थित रहे
मुख्य अतिथि डॉ. राकेश सिन्हा ने सभा को संबोधित करते हुए रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की संघर्ष गाथा कही । उन्होंने मैक्सिम गोर्की, बिपिन चंद्र पाल तथा रामधारी सिंह दिनकर के समर्पण तथा उनके संघर्षों का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करते हुए कहा कि 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन कर दिनकर की कविता का प्रभाव देखा जा सकता उन्होंने न सिर्फ अंग्रेजों के खिलाफ लिखा बल्कि भारत की शासन व्यवस्था में रहते हुए सरकार के खिलाफ भी लिखा ।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रकवि दिनकर एक दूरदर्शी सोच के धनी व्यक्ति थे, राष्ट्रकवि जनता और सत्ता दोनों के लिए ही थे, न्याय की स्थापना का सन्देश उन्होंने दिया था, साथ ही कहा की वर्तमान समय मे युवा वर्ग तकनीक की ओर ज्यादा भाग रहे हैँ और शिक्षा दीक्षा भूलते जा रहे हैँ जिस कारण समाज मे त्रुटियां देखने को मिल रही है, समाज मे चिंता और सृजन को बढ़ाने की जरुरत है तभी देश के युवा पूर्ण रूप से सशक्त हो सकेंगे.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व राज्यसभा सांसद प्रो. डॉ. राकेश सिन्हा, उद्घाटन कर्त्ता के रूप में प्रो. डॉ. अंजिला गुप्ता (कुलपति
महिला विश्वविद्यालय, जमशेदपुर ), विशिष्ट अतिथि के रूप में आरका जैन विश्वविद्यालय के निदेशक एवं संस्थान के सचिव
डॉ. अंगद तिवारी शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के प्रधानसचिव डॉ. हरिबल्लभ सिंह ‘आरसी’ ने की ।