“बतकही” कार्यक्रम का सफल आयोजन: मगही भाषा के विकास की दिशा में एक अनोखी पहल-‘मगही रत्न’ श्री राम रतन प्रसाद सिंह ‘रत्नाकर’
नई दिल्ली, 15 सितंबर 2024
विश्व मगही परिषद् और मगध न्यूज़ चैनल “मगध के आवाज, भारत के आवाज” के संयुक्त तत्वावधान में मगही भाषा के विकास हेतु आयोजित “बतकही” कार्यक्रम का आज सफल आयोजन हुआ। इस विशेष कार्यक्रम का प्रसारण मगध न्यूज़ चैनल पर दोपहर 2 बजे किया गया, जिसमें मगही भाषा और उसकी सांस्कृतिक धरोहर के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर नवादा (बिहार) जिले के प्रसिद्ध साहित्यकार, पत्रकार और ‘मगही रत्न’ श्री राम रतन प्रसाद सिंह ‘रत्नाकर’ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे जिनकी गरिमामयी उपस्थति में “बतकही” एक नये कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ । उन्होंने मगही भाषा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा, “मगध का इतिहास समृद्ध और गौरवशाली है। यदि हम भारत के इतिहास से मगध को हटा दें, तो शेष इतिहास अधूरा रह जाएगा। मगध साम्राज्य ने बिना किसी युद्ध के अपनी प्रतिष्ठा स्थापित की।” उन्होंने जरासंध और भगवान श्रीकृष्ण के बीच हुई ऐतिहासिक घटनाओं को भी रेखांकित किया और मगध की सांस्कृतिक समृद्धि की सराहना की।
कार्यक्रम के दौरान अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालमणि विक्रांत भी उपस्थित थे। उन्होंने मगही भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए संगठनों के एकजुट होने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अगर सभी संगठन एक साथ कार्य करें, तो मगही भाषा को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया जा सकता है।कविवर लालमणि विक्रांत ने अपनी ‘मगही भाषा’ शीर्षक मगही कविता का पाठ भी किया। कविता की पंक्ति है–“मगही ज्ञानभूमि के भाषा । जेकर धजा उड़ल अकासा । हइ पताल में पसरल एकर सोर हो भैया।”
कार्यक्रम का संचालन और तकनीकी सहयोग प्रोफेसर डॉ. नागेंद्र नारायण, अंतरराष्ट्रीय महासचिव, विश्व मगही परिषद् द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि”बतकही” एक नया कार्यक्रम का उद्देश्य केवल मगही भाषा को प्रोत्साहित करना नहीं है, बल्कि इसकी सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करना है।उन्होंने मगही भाषा के विकास केलिए अनोखी पहल ,विश्व मगही परिषद् नई दिल्ली अउर मगध न्यूज़ चैनल के नयका कार्यक्रम “बतकही” को ऐतिहासिक बताया । उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि मगही भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।
इस कार्यक्रम ने मगही भाषा प्रेमियों के बीच एक नई ऊर्जा का संचार किया और इसकी सफलता ने यह सिद्ध कर दिया कि मगही भाषा को लेकर लोगों में विशेष उत्साह है।