बागडेहरी दूर्गा मंदिर में 205 वर्षो से होती है पूजा
मंदिर में कोहड़ा बली देने का है रिवाज
निजाम खान
बागडेहरी(जामताड़ा): बागडेहरी दूर्गा मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए मुखर्जी परिवार द्वारा विशेष तैयारी की जा रही है।बताते चलेे इस मंदिर में लगभग 205 वर्षो से पूजा अर्चना की जा रही है।बागडेहरी पंचायत समिति के सदस्य सह पूजा कमेटी के सदस्य अरूण मुखर्जी बताते है कि लगभग 205-10 वर्ष पूर्व गिरीश चौधरी ने मुखर्जी परिवार की मुख्यदा सुंदरी से शादी किया था।तभी गिरीश चौधरी ने दूर्गा मंदिर स्थापित किया था।कहा कुछ वर्ष तक चौधरी ने पूजा अर्चना कराया था।जिसके बाद से आजतक मुखर्जी परिवार द्वारा ही पूजा अर्चना करायी जाती है।अरूण मुखर्जी ने कहा कि यहां कोहड़ा सब्जी की बली देने रिवाज है।कहा कि सप्तमी,अष्टमी व नवमी को विशेष पूजा अर्चना होती है।वही सप्तमी के दिन मुखर्जी परिवार द्वारा लोगों की खानपान की व्यवस्था की जाती है।अरूण ने कहा कि पूजा कराने की दायित्व तीन लोगों पर है।जिसमें अरूण मुखर्जी,शरत मुखर्जी और शक्ति मुखर्जी है।बता दे दूर्गा मंदिर पर बागडेहरी,लायकापुर,जनार्दनपुर,छोलाबेड़िया,काठीजोड़ीया,आकना,आमडुबी,माड़भांगा सहित दर्जनों गांवों के लोग पूजा कराने के लिए आते है।