पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार का शव एंबुलेंस से गाजीपुर रवाना, नमाज के बाद कल किया जाएगा सुपुर्दे खाक
बांदा : जिला जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई. हार्ट अटैक पड़ने पर उसे बांदा मेडिकल कॉलेड के ICU में भर्ती कराया गया. जहां कुछ देर बाद ही उसने दम तोड़ दिया. शनिवार सुबह करीब नौ बजे से शव का पोस्टमार्टम होना था. बेटे उमर ने मांग की कि पिता के शव का पोस्टमार्टम एम्स के डॉक्टरों से कराया जाए. इसी को लेकर पोस्टमार्टम शुरू नहीं हो सका. बेटे उमर का कहना है कि उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों पर भरोसा नहीं है. शाम को मुख्तार के शव का पोस्टमार्टम हुआ, जिसके बाद बेटा उमर और बहू निकहत गाजीपुर के लिए रवाना हुए. वहीं गाजीपुर एसपी ओमवीर सिंह ने बताया कि देर रात तक तक मुख्तार का शव पहुंचेगा. इसके बाद सुपुर्दे खाक किया जाएगा.
जिला जेल में बंद मुख्तार अंसारी को उल्टी की शिकायत पर बेहोशी की हालत में मेडिकल कॉलेज लाया गया था. 9 डॉक्टरों की टीम ने मुख्तार अंसारी का इलाज शुरू किया. मुख्तार के भर्ती होने पर डीएम और एसपी भी पहुंच गए. इलाज के दौरान ही मुख्तार अंसारी की मौत हो गई. इसके साथ ही डीजीपी ने पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया. धारा 144 लागू कर दी गई है. जिलों के SSP को सतर्कता के निर्देश देने के साथ लोगों से सोशल मीडिया पर अफवाह से दूर रहने की अपील की है.
जानकारी के मुताबिक माफिया मुख्तार अंसारी रोजा रखता था और आज रोजा रखने के बाद ही उसकी तबीयत खराब हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि प्राइमरी स्टेज पर जेल के डॉक्टरों ने हार्ट अटैक के बारे में बताया था. हालत गंभीर होने की वजह से फिर उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया.
शुक्रवार दोपहर मुख्तार का बेटा उमर और बहू निकहत बांदा पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे. यहां से उमर निकहत को अंदर ले गया. जिसके बाद दोनों मुख्तार का शव लेकर गाजीपुर के लिए रवाना हो गए. मुख्तार का शव जिन रास्तों से गुजरेगा, उन इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है. बांदा से चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज होते हुए मुख्तार का शव गाजीपुर पहुंचेगा.
दो दिन पहले भी कराया गया था भर्ती
बता दें कि माफिया मुख्तार अंसारी को 26 मार्च को तबीयत बिगड़ने पर रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. आईसीयू में उसका इलाज चला. मंगलवार शाम को ही मुख्तार को अस्पताल से डिस्चार्ज करके वापस बांदा जेल भेज दिया गया था. इसके बाद आज गुरुवार को फिर से मुख्तार की तबीयत बिगड़ गई. कुछ दिनों पहले ही मुख्तार ने पेशी के दौरान खुद को जहर देने का आरोप लगाया था.
जेलर और दो डिप्टी जेलर किए गए थे निलंबित
मुख्तार अंसारी की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही को लेकर चार दिन पूर्व ही शासन ने एक जेलर और दो डिप्टी जेलर को निलंबित कर दिया था. वर्चुअल पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने न्यायालय में जेल प्रशासन पर स्लो प्वाइजन देने का आरोप लगाया था. तकरीबन एक सप्ताह से ज्यादा समय से मुख्तार की तबीयत लगातार खराब चल रही है.
पेट और पेशाब में इंफेक्शन की समस्या
दो दिन पहले मुख्तार के भर्ती होने पर चिकित्सकों ने पेट और पेशाब में इंफेक्शन की समस्या बताई थी. उस दौरान डीजी जेल एसएन साबत ने कहा था कि मुख्तार की हालत गंभीर नहीं है. वहीं मुख्तार के वकीलों ने अनहोनी की आशंका जताई थी. जबकि मुख्तार ने 19 मार्च को मिले खाने में विषैला पदार्थ मिलाने का आरोप लगाया था.
मेडिकल कॉलेज बना छावनी
मुख्तार अंसारी को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने के साथ ही भारी पुलिस बल और अफसरों को तैनात कर दिया गया था. उसकी मौत के बाद पुलिस-प्रशासन और भी सजग हो गया. इससे पहले ही मुख्तार को लेकर गाजीपुर और मऊ समेत पूर्वांचल के कई जिलों में डीजीपी ने अलर्ट भी जारी कर दिया. साथ ही पुलिस अधिकारियों को ऐतियात बरतने के निर्देश दिए. मुख्तार की मौत होने के बाद पूरे प्रदेश में धारा 144 लगा दी गई. साथ ही पुलिस-प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है.
कासगंज जेल में पिता की मौत की खबर सुन फूट-फूटकर रोया अब्बास
कासगंज जेल में 14 फरवरी 2023 से बंद मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी जो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का विधायक भी है बड़े सदमे में हैं. जेल प्रशासन द्वारा जब उसके पिता की मौत की सूचना अब्बास को दी गई तो वह फफक फफक कर रोने लगा. अब अब्बास को चिंता है कि वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हो पाएगा या नहीं. कासगंज के जेल सुपरिंटेंडेंट विजय विक्रम सिंह ने बताया आज 29 मार्च सुबह लगभग 8:00 बजे जेल में बंद अब्बास अंसारी को उसके पिता मुख्तार अंसारी की मौत के बारे में जेल प्रशासन के द्वारा सूचना दी गई.
विजय विक्रम सिंह ने बताया कि हम लोगों को ही देर रात यह जानकारी मिल पाई थी इसलिए रात में कोई सूचना नहीं दी गई. जेल सुपरिंटेंडेंट विजय विक्रम सिंह ने बताया कि जैसे ही अब्बास को उसके पिता की मौत की सूचना दी गई तो अनायासी अब्बास की आंखों से आंसू बहने लगे और वह फफक फफक कर रोने लगा और दीवाल का सहारा लेकर बैठ गया. हालांकि जेल में बंद अब्बास अंसारी को यह चिंता सताए जा रही है कि क्या वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हो पाएगा.