राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, गोड्डा के तत्वावधान में आज विश्व मुख स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में शहरी क्षेत्र के सभी स्वास्थ्य संस्थानो में जागरूकता कार्यक्रम एवं स्वास्थ्य जांच का हुआ आयोजन
आज दिनांक 20.03.2024 को विश्व मुख स्वास्थ्य दिवस के राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के उपलक्ष्य में शहरी क्षेत्र के सभी स्वास्थ्य संस्थानो में जागरूकता कार्यक्रम एवं स्वास्थ्य जांच का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रौतारा, आयुष्मान आरोग्य मंदिर रामनगर, अटल क्लीनिक वार्ड नंबर 05, अटल क्लिनिक शांतिनगर के अलावा वार्ड नम्बर 11, 19 एवं 20 में महिला आरोग्य समिति की बैठक सह जागरूकता कार्यशाला का भी आयोजन किया गया।
इस अवसर पर डॉ0 अजय नंद पाठक ने बताया कि विश्व मुख स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य एवं महत्व बच्चों और वयस्कों दोनों को मुंह की स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। मौखिक रोगों का एक मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल, खान-पान और धूम्रपान है, जो माउथ कैंसर का भी कारण बनता है। उन्होंने कहा कि मुंह का कैंसर किसी को भी हो सकता है। लेकिन आमतौर पर उन्हीं लोगों में सबसे अधिक माउथ कैंसर देखा जाता है जो तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट, पान गुटखा आदि का सेवन करते हैं। एक रिसर्च में पाया गया कि 10 में से 9 माउथ कैंसर के केस तंबाकू खाने की वजह से होते हैं। माउथ कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है।
माउथ कैंसर का लक्षण इसकी शुरुआती लक्षण मुंह में छाला या फिर गांठ होना है। ध्यान रहे अगर इस दौरान मुंह में दर्द नहीं भी हो रहा है तो भी डॉक्टर से संपर्क करें।मुंह का छाला तीन हफ्ते में ठीक ना हो तो भी यह माउथ कैंसर का एक लक्षण है। क्योंकि माउथ कैंसर की शुरुआत में मुंह में दर्द नहीं होता है। इसके अलावा मुंह से खून निकलना, खाना निगलने में गले में दर्द होना आदि माउथ कैंसर के लक्षण है।
वहीं एएनएम आराधना कुमारी द्वारा आयोजित कार्यशाला में बताया कि मुख का स्वास्थ्य पूरे शरीर से जुड़ा होता है। दांत और मसूढ़ों की बीमारी के कारण ही कई भयंकर बीमारियां हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह आदि पनपती हैं। उन्होंने कहा कि ब्रश दिन में दो बार कम से कम दो मिनट तक करना चाहिए। महिलाओं ने उनसे सवाल भी पूछे। महिलाओं ने गर्भ के दौरान मसूड़ों की सूजन के बारे में जानकारी ली। उन्होंने नवजात शिशु के मसूड़ों को स्वस्थ सूती कपड़े को उंगली पर लपेटकर साफ करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी बताया कि शिशु के दांत निकलने के समय बच्चों को दस्त व बुखार आदि की शिकायत रहती है। तीन साल से कम उम्र के बच्चों को माता-पिता स्वयं ब्रश करें। सात-आठ साल तक के बच्चे को अपनी निगरानी में ही ब्रश कराएं।
इस अवसर पर बीटीटी बेबी कुमारी, प्रहलाद कुमारी, साहिया तब्बसुम खातून, अनिता कुमारी, मुसर्रत प्रवीन के अलावा महिला आरोग्य समिति के सदस्यों ने मौजूद रहे।