क्या विपक्ष का सीट शेयरिंग फार्मूला एनडीए के चुनौती बन पाएगा ?
देवानंद सिंह
लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे आ रहे हैं, सियासत के गलियारों में गहममगहमी भी बढ़ गई है, खासकर एक पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी ज्वॉइन करने की दूर गठबंधन करने की होड़ लगी हुई है। वर्तमान हालातों में जहां एनडीए मजबूत स्थिति में दिख रहा है, वहीं महागठबंधन भी इस प्लानिंग में जीता हुआ है कि कैसे मजबूती के साथ एनडीए को चुनौती दी जाए, इसीलिए सीट शेयरिंग को लेकर सामंजस्य बिठाने को लगातार प्रयास हो रहा है, हालांकि इसमें हर जगह महागठबंधन को सफलता नहीं मिली है, जहां सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी है, वहां दामन भी छूटा है, इनमें नीतीश कुमार की जेडीयू, जयंत चौधरी की आरएलडी इंडिया अलायंस से दूर हुई, लेकिन इस शॉकिंग भरी खबर के बाद अब इंडिया गठबंधन के लिए कुछ राहत नजर आ रही है।
मुख्यरूप से उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा में गठबंधन को लेकर बात बन चुकी है। अलायंस में शामिल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने दिल्ली, गुजरात, हरियाणा राज्यों में सीट शेयरिंग फॉर्मूले का ऐलान कर दिया है। इसी तरह यूपी में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की घोषणा हो चुकी है। वहीं, अब जानकारी ये भी मिल रही कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस के बीच बातचीत जारी है। अगर, सब सही रहा तो दोनों दलों के बीच गठबंधन पर जल्द फैसले के आसार बन सकते हैं। उधर, हरियाणा में भी सीट शेयरिंग फॉर्मूले का ऐलान हो चुका है। यहां की 10 लोकसभा सीट में एक पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी, जबकि बाकी 9 सीटों पर कांग्रेस अपना दावा ठोकेगी। आम आदमी पार्टी को कुरुक्षेत्र सीट मिली है।
वहीं, चंडीगढ़ और गोवा में भी आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को सपोर्ट का ऐलान किया है। दोनों ही जगह कांग्रेस दावेदारी नहीं करेगी। हालांकि, पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में बात नहीं बनी है। ऐसे में, यहां दोनों पार्टियों के अलग-अलग दावेदारी की चर्चा है।
उधर, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच समझौता हो गया है। प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के लिए सीट शेयरिंग फॉर्मूला सामने आ चुका है। इसमें कांग्रेस 17 सीटों पर तो समाजवादी पार्टी 62 सीटों पर दावेदारी करेगी। एक सीट चंद्रशेखर आजाद को देने की चर्चा हो रही। हालांकि, सपा-कांग्रेस में गठबंधन पर पहले अखिलेश ने इनकार किया था। अब बताया जा रहा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सपा मुखिया अखिलेश यादव से फोन पर बातचीत हुई। इसी के बाद दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की राह फिर बनी।
उधर, दिल्ली में भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच डील फाइनल हो गई। कांग्रेस के दिग्गज नेता मुकुल वासनिक ने गठबंधन का ऐलान किया। दिल्ली की 7 लोकसभा सीट में 4 पर आप तो 3 सीट पर कांग्रेस दावेदारी करेगी। अरविंद केजरीवाल की पार्टी नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली से अपने उम्मीदवार उतारेगी। वहीं, कांग्रेस उत्तर पश्चिम दिल्ली, उत्तर-पूर्वी और चांदनी चौक सीट पर अपना कैंडिडेट उतारेगी।
यूपी दिल्ली के साथ-साथ गुजरात और हरियाणा में भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में सीट बंटवारे पर फैसला हो गया। गुजरात की 26 सीटों में कांग्रेस 24 और आम आदमी पार्टी दो सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने भरूच लोकसभा सीट पर दावेदारी जीत ली है। कांग्रेस ने ये सीट AAP को दी है। इसके अलावा भावनगर सीट भी आम आदमी पार्टी को मिली है।
इसके अलावा गुजरात की सभी 24 सीट पर कांग्रेस दावेदारी करेगी। जिस तरह से सीट शेयरिंग को लेकर गठबंधन पार्टियों में सामंजस्य स्थापित हो रहा है, ऐसे में यह एनडीए के लिए कितना चुनौतीपूर्ण होगा, यह देखना काफी दिलचस्प होगा, क्योंकि इस बार एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी ने 400 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया है।