सिंगल डोनर प्लेटलेट्स के महत्व को समझते हुए आज अपना पहला एसडीपी (सिंगल डोनर प्लेटलेट्स) दान किया और रक्तदान की उस व्यवस्था को कायम रखने कोशिश की कि यह रक्त किसे जायेगा, मुझे इसकी जानकारी नहीं चाहिए, क्योंकि मुझे पता है कि यह मानवता की सेवा के लिए किसी जरूरतमंद को ही दिया जायेगा। आईये रक्तदान की परम्परा में एसडीपी (सिंगल डोनर प्लेटलेट्स) दान के अभियान से जुड़ते हैं और ऐसे लोगों को नवजीवन देने का प्रयास करते हैं, जिनका प्लेटलेटस काउंट फॉल कर जाता है और उनका जीवन खतरे में आ जाता है। एक निवेदन है कि अपने एसडीपी दान का प्रचार अवश्य करें लेकिन यह एसडीपी किसे मिलेगा उसका प्रचार नहीं करें क्योंकि यह रक्तदान की मूलभावना के खिलाफ है क्योंकि हम बार बार यही कहते हैं कि हमारा रक्त किसे जायेगा और इससे किसकी जान बचेगी नहीं पता, लेकिन हम यह दान किसी अमूल्य जीवन को बचाने के लिए करते हैं। ब्लड बैंक की पूरी टीम को धन्यवाद जिन्होने मुझे एसडीपी के महत्व से अवगत कराया, विशेषकर श्री संजय चौधरी, डॉ. एल. बी. सिंह, डॉ. वर्मा एवं रेड क्रॉस के हमारे साथी श्याम कुमार एवं राधेश्याम कुमार जय कुमार मौजूद थे
पीएन सिंह ने सिंगल डोनर प्लेटलेट्स के महत्व को समझते हुए आज अपना पहला एसडीपी (सिंगल डोनर प्लेटलेट्स)किया दान
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