राष्ट्रपति से महिला आरक्षण विधेयक को मिली मंजूरी, बना कानून, सरकार ने जारी की अधिसूचना
नई दिल्ली. महिला आरक्षण बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से मंजूरी मिल गई है. इस मंजूरी के बाद भारत सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक के लिए एक गजट अधिसूचना जारी कर दी है. बता दें कि यह विधेयक 20 सितंबर को लोकसभा और 21 सितंबर को राज्यसभा में पारित हुआ था. इसके बाद अब राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद इसे कानून के रूप में लागू किया जाएगा.
इस कानून के पास होने पर महिलाओं को संसद और विधानसभा में 33 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा. यानी कि 181 सीटें (33 फीसदी) लोकसभा में महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगे. इतना ही नहीं विधानसभा में भी इसी तरह से 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा. मान लीजिए कि बिहार में 243 सीटें विधानसभा में हैं तो इनमें से 81 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. वहीं यूपी में विधानसभा में 400 सीटें हैं तो 133 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया था कि महिला आरक्षण बिल के लिए जनगणना और परिसीमन 2024 के बाद होगी. वहीं कई जानकारों का कहना है कि 2029 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा. जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने इसे जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है, साथ ही यह भी कहा है कि इसमें ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और मुस्लिम महिलाओं को भी शामिल करना चाहिए.
लोकसभा और राज्यसभा में वोटिंग के जरिए पास कराया गया था विधेयक
20 सितंबर को महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पास करवाने के लिए वोटिंग करवाई गई थी. इस बिल के पक्ष में 454 मत पड़े और और वहीं दो वोट विरोध में पड़े थे. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के दो सांसद ने इसके खिलाफ वोट किया था. वहीं राज्यसभा में भी 21 सितंबर को इस बिल को पास करवाने के लिए वोटिंग कराई गई थी. इसमें कुल 454 वोट पड़े थे जबकि विरोध में 0 वोट पड़े थे.