पुलिस को साइबर ठगों ने नशे की गोली खिलाकर ऐसे लूटा, बेटे ने पिता का हाथ पकड़ लिया
जामताड़ाः ये है जामताड़ा नगरिया तू देख बबुआ. जी हां हम इसी जामताड़ा जिले की बात कर रहे हैं जो पूरे देश में साइबर क्राइम के नाम पर बदनाम है। पहले जामताड़ा जिला नशाखोरी गिरोह के लिए प्रसिद्ध था।
उसके बाद साइबर क्राइम का नाम पूरे देश में प्रसिद्ध हो गया है। अब तो साइबर इंजीनियरों ने अपने क्राइम को पार्ट के लिए फिर से पुराना काम चालू कर दिया है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में है जहां एक पिता ने साइबर अपराधियों को अपराध करने में मदद करने के लिए ट्रेन में नशाखोरी करने का काम चालू कर दिया है। इसका खुलासा शुक्रवार को
जामताड़ा एसपी ने प्रेस विज्ञप्ति के दौरान किया। असल में ये है कि रांची के ऑफिस में पद पर स्थिर चालक हवलदार रामचन्द्र बात राय 18 सितंबर को हटिया पाटलिपुत्र एक्सप्रेस से अपने साथी जा रहे थे। इसी क्रम में नशाखोरी गिरोह ने नशाखोरी कर अपने पास रख मोबाइल एटीएम अन्य समाज की चोरी कर ली। 20 सितंबर को इस बात की जानकारी पीड़ितों से संबंधित पुलिस के बारे में दिया गया। बाद में उनके टेक्निकल सेल के द्वारा जब उनके मोबाइल के तार का पता लगाया गया तो पता चला कि उनका मोबाइल जामताड़ा जिले के कर्मनगर थाना क्षेत्र के सियाटाड़ रामस्वरूप मंडल के घर में पाया गया था।
ऐसे पकड़े गए फिल्मों —–
उनके बाद जामताड़ा एसपी के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया। टीम ने जब रामसरूप के घर में काम किया तो देखा कि उसका बेटा विशाल और उसका एक और सहयोगी साइबर क्राइम काम कर रहा था। पुलिस ने हवलदार को गिरफ्तार करते हुए उसके पास से 10 मोबाइल, 17 अलग-अलग कंपनी के सिम, दो एटीएम कार्ड और सामान बरामद किया है।
बता दें कि नशाखोरी के जरिए उसके पिता ने हवलदार के मोबाइल से करीब 99 हजार डॉलर का फ्रॉड पोस्टर चुराया था। बता दें कि नवजात के पिता रामस्वरूप मंडल ने इसे ईस्टर्न नशा गैंग के खिलाफ जेल में डाल दिया है। साथ ही दोनों गिरफ्तार साइबर बिल्डर्स के पास से पुलिस ने करीब 54000 भी बरामद किए हैं।