चांद पर हिंदुस्तान चंद्रयान-3 सफल लैंडिंग पर इस दिन को गौरवशाली दिवस के रूप में स्वीकार करते हुए आनंद मार्ग ने बांटे आदिवासियों के बीच 100 पौधे
आनंद मार्ग एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स ने बांटे 100 निशुल्क पौधे
हर व्यक्ति को पेड़ पौधे को परिवार के सदस्य के रूप में स्वीकार करना होगा : आनंद मार्ग
चांद पर हिंदुस्तान चंद्रयान-3 सफल लैंडिंग पर इस दिन को गौरवशाली दिवस बनाते हुए आनंद मार्ग ने बांटे आदिवासियों के बीच 100 पौधे
सोनारी कबीर मंदिर के पास एवं गदरा आनंद मार्ग जागृति में आनंद मार्ग एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (PCAP)जमशेदपुर कि ओर से आदिवासी समाज के बीच चंद्रयान 3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के लिए इस दिन को ऐतिहासिक बनाने के उद्देश्य से निशुल्क पौधा बांटा गया एवं आदिवासी समाज ने भी आज इस दिन को ऐतिहासिक दिवस के रूप में स्वीकार करते हुए पौधारोपण करने का संकल्प लिया ताकि जब भी हम पौधे को देखें तो आज के ऐतिहासिक गौरवशाली दिन को याद रखें ,बांटे गए 100 निशुल्क पौधे एवं
पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्प भी दिलाया गया, हर व्यक्ति को पेड़ पौधे को परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार करते हैं प्राकृतिक को भगवान भगवान मानना ही होगा
आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (PCAP)जमशेदपुर की ओर से से पिछले 15 सालों से आज तक लगभग 1लाख 50 हजार से भी ज्यादा पौधा का निशुल्क वितरण किया जा चुका है
आनंद मार्ग के सुनील आनंद का कहना है कि चंद्रमा पर भारत का उदय मानव सभ्यता के इतिहास में ऐतिहासिक परिवर्तन का द्योतक बनेगा अब भारत जागतिक ,मानसिक और आध्यात्मिक जगत में अपना संदेश विश्व सुनने के लिए सचमुच तैयार हो चुका है और हम सभी बंधुओ को इसमें अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार होना होगा इसलिए हम सभी परिवर्तित विचारधारा के लिए तैयार हो जाएं क्योंकि अब चंद्रमा पर आधारित भ्रांतियां अब नहीं सुनी जाएंगी केवल वैज्ञानिक सोच ही आधार पुंज बनेंगे। अब हम भारतीयों को पृथ्वी को बचाने के लिए पर्यावरण के क्षेत्र में भी जी जान लगाकर काम करना होगा
आनंद मार्ग का कहना है कि जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव ,जंतु को अपने परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है ,इसलिए नव्य -मानवतावादी विचारधारा से समाज का कल्याण संभव है ,नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं ,
हम इस पृथ्वी के बुद्धिमान जीव होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि सभी को परिवार सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाए , मनुष्य का परम आदर्श नव्य- मानवतावाद होना चाहिए तभी पृथ्वी का कल्याण संभव है इस विचार को आदिवासी समाज स्वीकार करते हुए आगे बढ़ रहे हैं हम लोगों को इन लोगों के बीच सहयोग की आवश्यकता है ,आनंद मार्ग हमेशा पर्यावरण के उद्देश्य से आदिवासी समाज के बीच मिलकर काम कर रहा है
पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा को संतुलित रखने के लिए आनंद मार्ग की ओर से बांटे गए हर तरह के पौधे