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    Home » कुछ ही घंटों में कैसे सुलझ गया अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सालों पुराना विवाद?
    Headlines राजनीति

    कुछ ही घंटों में कैसे सुलझ गया अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सालों पुराना विवाद?

    Devanand SinghBy Devanand SinghMay 30, 2023No Comments3 Mins Read
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    कुछ ही घंटों में कैसे सुलझ गया अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सालों पुराना विवाद?

    विशन सिंह पपोला

    विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत-पायलट के बीच चला आ रहा विवाद आखिरकार सुलझा लिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के मौजूदगी में हुई बैठक में दोनों नेताओं के बीच सुलह हो गई है।

    हालांकि, इस विवाद की शुरुआत साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद हुई थी। तब सचिन पायलट ने विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को सत्ता में दोबारा स्थापित करने के लिए कई चुनावी सभाएं की थी, जिसका फायदा भी कांग्रेस को मिला। नतीजे जब सामने आए तो लगा कि सचिन पायलट को सीएम पद मिलेगा, लेकिन पार्टी ने जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत पर दांव चला और उन्हें सीएम बनाने का एलान किया। जबकि सचिन पायलट को डिप्टी सीएम का पद दिया गया।

     

     

     

     

    सचिन पायलट की मेहनत लाई रंग
    दरअसल, साल 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को राजस्थान में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद राजस्थान कांग्रेस प्रमुख की जिम्मेदारी सचिन पायलट को दी गई। सचिन पायलट ने पांच साल तक राज्य के हर एक जिले का दौरा कर पार्टी को मजबूत करने के लिए जमकर मेहनत की।

    सचिन पायलट को उनकी मेहनत का फल 2018 के विधानसभा चुनाव में मिला, जब राजस्थान की जनता ने कांग्रेस को 100 सीटें दी। हालांकि, बाद में कांग्रेस की विधानसभा में संख्या 108 सीटों तक पहुंच गई, जो बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है।

    पायलट के बगावती तेवरों के आगे पस्त हुए गहलोत
    राजस्थान कांग्रेस में दरकिनार किए जाने के बाद से ही लंबे समय से खफा चल रहे सचिन पायलट पिछले कुछ महीनों से आक्रामक तेवर दिखा रहे थे और इस माह प्रदेश में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर निकाली गई यात्रा के चलते विवाद और गहरा गया था। पायलट ने जून के पहले हफ्ते तक उनकी मांगों का हल नहीं निकलने पर गहलोत सरकार को घेरने का खुला एलान कर रखा था।

    पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच कराने, पेपर लीक मामले में बेरोजगारों को मुआवजा दिया जाने और आरपीएससी को भंग किए जाने की मांग की थी। उन्होंने इसके लिए 30 मई तक का अल्टीमेटम दिया था।

     

     

     

     

    सुलझ गया गहलोत-पायलट विवाद!
    हालांकि, कांग्रेस आलाकमान ने काफी समय से चले आ रहे अशोक गहलोत और सचिन पायलट के विवाद को सुलझा लिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की इन दोनों नेताओं के साथ सोमवार रात हुई मैराथन बैठक में ये सुलह हुई। दोनों नेताओं के बीच सुलह के फॉर्मूले की अभी घोषणा नहीं की गई है, लेकिन पार्टी हाईकमान ने एलान किया है कि राजस्थान के दोनों दिग्गज एकजुट होकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करेंगे।

    राजस्थान में पार्टी के घमासान का समाधान निकालने के लिहाज से यह कांग्रेस हाईकमान के लिए भी बड़ी सियासी कामयाबी है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद तमाम राज्यों में कांग्रेस की सियासत को कामयाबी की पटरी पर लाने की मशक्कत में जुटे हाईकमान के लिए राजस्थान में गहलोत-सचिन का घमासान सबसे बड़ी सिरदर्दी रहा है

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