मिन्स्क. बेलारूस की एक कोर्ट ने 2022 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बालियात्स्की को 10 साल कारावास की सजा सुनाई है. एलेस को विरोध प्रदर्शनों और अन्य अपराधों के वित्तपोषण का दोषी पाया गया है. राइट्स ग्रुप का कहना है कि बालियात्स्की के खिलाफ दायर केस राजनीति से प्रेरित था. यह जानकारी राइट्स ग्रुप वियासना ने ट्वीट करके दी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एलेस के साथ 3 अन्य दोषी पाए गए हैं. अभियोजकों ने मिन्स्क अदालत से बेलियात्स्की को 12 साल की सजा देने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने आरोप को देखते हुए 10 साल की सजा सुनाई है. एलेस और उनके सहयोगियों पर विपक्ष के विरोध प्रदर्शनों में फाइनेंस और धन तस्करी का आरोप लगाया गया है.
वहीं निर्वासित बेलारूसी विपक्षी नेता स्वेतलाना सिखानसकाया ने एलेस का समर्थन करते हुए कहा कि सभी को गलत तरीके से दोषी ठहराया गया, यह फैसला भयावह है. उन्होंने ट्विटर पर कहा कि हमें इस शर्मनाक अन्याय के खिलाफ लडऩे और उन्हें मुक्त करने के लिए सब कुछ करना चाहिए. लंबे समय तक नेता रहे अलेक्जेंडर लुकाशेंको को 2020 के राष्ट्रपति चुनाव का विजेता घोषित किए जाने के बाद बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं. साल 2020 से सरकार के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन हुए और अब तक जारी है, इस दौरान 1500 से ज्यादा लोगों को जेल में डाल दिया गया. जेल में बंद लोगों को कानूनी और वित्तीय सहायता प्रदान करने में वियासना ने अग्रणी भूमिका निभाई है.
जानकारी के अनुसार 60 साल की उम्र के बालियात्स्की वियासना मानवाधिकार समूह के सह-संस्थापक हैं. बालियात्स्की को मानवाधिकारों और लोकतंत्र पर उनके काम के लिए पिछले अक्टूबर में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, इसे रूसी अधिकार समूह मेमोरियल और यूक्रेन के सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज के साथ साझा किया गया था. उन्हें 2021 में वियासना के दो सहकर्मियों के साथ गिरफ्तार किया गया था.