निजाम खान
*■ सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करें दुसरो को जागरूक करने के लिए:- उपायुक्त….*
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*■ अफवाह फैलाने पर कड़ी कार्रवाई के साथ जेल का प्रावधान:- उपायुक्त….*
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उपायुक्त श्रीमती नैन्सी सहाय ने सोशल मीडिया के माध्यम से फैल रहे अफवाहों को ध्यान में रखते हुए कहा है कि वर्तमान समय में अधिकांश लोग सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े हैं। दिन-प्रतिदिन इस माध्यम से जुड़ रहे है, क्योंकि वर्तमान समय में यह माध्यम सूचनाओं का आदान-प्रदान करने का सबसे सरल माध्यम बन चुका है। आज के समय में किसी न किसी सोशल नेटवर्किंग साईट से हर व्यक्ति जुड़ा है। सोशल मीडिया ने जिस तेजी लोगों के जीवन में अपनी जगह बनाई है, उसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं। तात्पर्य है कि जब सोशल मीडिया का इस्तेमाल गलत चीजों के लिए होने लगता है जैसे- सबसे अहम बिना तथ्यों के किसी भी प्रकार के आॅडियों, वीडियों को प्रचारित या प्रसारित करना, अफवाह फैलाना इत्यादि और इसी प्रकार के अन्य तथ्यहिन कार्यों के लिए होने लगता है तब समस्या उत्पन्न होती है।
ऐसी स्थिति में सोशल मीडिया के माध्यम से गलत अफवाह, उन्माद सूचना, वीडियो क्लिप प्रसारित होने पर इसके गंभीर दुष्परिणाम सिद्ध हो रहे हैं। इसलिए सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित सूचनाओं पर कड़ी निगरानी रखना हम सभी की जिम्मेवारी के साथ अतिआवश्यक है। हम सभी जानते है कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता विधि सम्मत है मगर वर्तमान समय में प्रायः ऐसा देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर समाचार के नाम पर बने पेज, ग्रुप तथा अन्य नाम से बने ग्रुप पर कभी-कभी ऐसे समाचार या तथ्य भी प्रेषित हो रहे हैं, जिसकी सत्यता प्रमाणित नहीं है। कई तथ्य बिना पुष्टि के सीधे कट-पेस्ट, फॉरवर्ड किए जा रहे हैं। इन सबको ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया तथा WhatsApp, Facebook, Youtube, Twitter, Instagram आदि के ग्रुप एडमिन एवं सदस्यों के लिए निम्नांकित बातें आवश्यक है-
*1. ग्रुप एडमिन वही बनें जो उस ग्रुप के लिए पूर्ण जिम्मेवारी और उत्तरदायित्व का वाहन करने में समर्थ हो।*
*2. अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एडमिन पूर्णतः परिचित होने चाहिए।*
*3. ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा गलतबयानी, बिना पुष्टि के समाचार जो अफवाह बन जाय आदि पोस्ट किए जाने पर या सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले पोस्ट पर ग्रुप एडमिन तत्काल उसका खंडन करें। साथ हीं उस सदस्य को ग्रुप से तुरंत हटायें।*
*4. अफवाह, भ्रमक तथ्य, सामाजिक समरसता के विरुद्ध तथ्य पोस्ट होने पर संबंधित थाना को भी तत्काल सूचना दी जानी चाहिए।*
*5. ग्रुप एडमिन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्हें भी इसका दोषी माना जाएगा और उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।*
*6. दोषी पाए जाने पर आईटी एक्ट साइबर क्राइम तथा आईपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।*
*7. किसी भी प्रकार के भ्रामक व कोरोना से जुड़े तथ्यहिन पोस्ट किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर न करें। ऐसे पोस्ट करने या किसी अन्य ग्रुप को फॉरवर्ड करने पर आईटी एवं आईपीसी की सुसंगत धाराओं के आधार पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।*