नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव को कम करने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई दौर की बातचीत हुई. इसके बावजूद लद्दाख के संवेदनशील क्षेत्र में दोनों देश के बीच तनाव को को कम करने में सफलता नहीं मिली है. सूत्रों के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा के कुछ प्वाइंट्स पर तनाव कम करने की प्रक्रिया लगभग रुकी हुई है.जानकारी के अनुसार पैंगोंग त्सो और डेपसांग सहित एलएसी के साथ लगे तनाव वाले क्षेत्रों में चीनी सैनिकों की मौजूदगी बनी हुई है. एक अधिकारी ने कहा कि संघर्ष का एक लंबा दौर अभी खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि दोनों देश के बीच विवाद सर्दियों के महीनों तक जा सकता है और भारतीय सशस्त्र बल इस लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं.चीन भारतीय इलाक़ों में अब भी अपनी सेना के साथ डटा हुआ है और वहां से वापस जाने का नाम नहीं ले रहा है. तकरीबन ढाई महीने से ज़्यादा हो गया है. मेजर जनरल स्तर की दर्जनों बैठकें हो चुकी हैं, कोर कमांडर स्तर की भी चार बैठकें हो चुकी हैं लेकिन जमीन पर अब भी ठोस बदलाव नहीं आया है.14 जुलाई को भारत चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की चौथी बातचीत में अगले फ़ेज़ को शुरू करने पर सहमति बनी थी लेकिन सूत्रों की मानें तो चीन की सेना पहले फ़ेज़ के बाद एक क़दम भी पीछे नहीं हटी है. पहले फ़ेज़ में गलवान, हॉट स्प्रिंग गोगरा से 1 से 2 किलोमीटर तक चीन और भारतीय सेना पीछे हटी थीं.नाम नहीं छपने की शर्त पर इस मामले के जानकार अधिकारी ने यह जानकारी दी है. लिहाजा चीन की चालबाज़ी को देखते हुए भारतीय सेना ने दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कमर कस ली है. लद्दाख में भीषण ठंड पड़ती है. ऐसे में यहां के मौसम को देखते हुए भारतीय सेना ने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं.