।शहर में विभिन्न जगहों पर लगभग 500 जरूरतमंदों को दाल भात सब्जी एवं खीर खिलाया गया
समर्पण ,परिप्रश्न और सेवा से ही मनुष्य का कल्याण संभव।
जमशेदपुर एवं आसपास के आनंद मार्गी आनंद मार्ग के प्रवर्तक भगवान श्री श्री आनंदमूर्ति जी का 100वां जन्मदिवस के अवसर पर 6:07 शंख ध्वनि, जयघोष, मानव सेवा ही माधव सेवा है के नारों से वातावरण गुंजायमान हो गया ।
तदुपरांत प्रभात संगीत “आए हो तुम युगों के बाद प्यारे “के स्वर लहरी पर साधक गण आनंद में डूब गए। गहन ध्यान के बाद आनंद वाणी का पाठ किया गया । **सोशल मीडिया पर* *लाइव टेलीकास्ट करते हुए सभी मार्गी* **भाइयों को संबोधित करते हुए*
*आनंद मार्ग प्रचारक संघ के पुरोधा* *प्रमुख श्रद्धेय*
*आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत ने* *आनंद वाणी की व्याख्या करते हुए* कहें कि
प्रणिपात, परिप्रश्न, सेवा तीन तत्वों को मनुष्य मानकर चले तो मनुष्य की अग्रगति होगी ही। इसके अलावे अन्य कुछ भी तुम्हारा उपकार नहीं करेगा। याद रखो, अति अल्प काल के लिए तुम इस पृथ्वी पर आए हो। इसलिए तुम अपने समय और सुयोग का पूर्ण रूप से सद्व्यवहार करो, मन से यथार्थ सेवा का मनोभाव पोषण करो, जगत की सेवा करते जाओ, जागतिक, मानसिक और आध्यात्मिक जीवन के सभी स्तरों में सर्वात्मक सेवा का कार्य चलाते जाओ।