शिक्षा अनुसंधान में व्यय करने के कारण मध्यम वर्ग पीछे छूटा :प्रभाकर सिंह,सचिव सीटिजन फोरम
मोदी 2.0 का बजट पूरी तरह से देश की आधारभूत संरचनाओं के नाम रहा.जहाँ मध्यम वर्ग की आशा आयकर छूट की सीमा के रूप में अपूर्ण रही,वहीं ढाँचागत विकास को ठीक करने पर ज़ोर अधिक रहा.रही बात महँगाई की तो – डीज़ल और पेट्रोल में सेस से वो बढ़ेगी परंतु बैंक में ऋण हेतु राशि की उपलब्धता भी बढ़ेगी.45 लाख तक के मकान ख़रीदने वालों को लाभ होगा और होम लोन पर भी ब्याज काम देना होगा-नया घर लेने वालों के लिए यह बडी़ राहत है.
उच्च शिक्षा में अनुसंधान को बढ़ावा देने से भविष्य में अनेक रोजगार के अवसर पैदा होंगे.उच्च स्तर के कई नए विश्वविद्यालय खोलने-सरकारी और निजी क्षेत्र में-सरकार की स्वस्थ दूरदर्शी मानसिकता को भी दर्शाता है.
मेरे विचार से कुल मिलाकर यह बजट भविष्य का बजट है.