राष्ट्र संवाद डेस्क
वीरपुर (बेगूसराय)कोचिंग के एक शिक्षक को पढ़ाने के दौरान ही अपनी एक शिष्या से प्यार हुआ।प्यार जब परवान चढ़ा तो दोनों ने साथ जीने-मरने की कसम खाई और कोर्ट में शादी रचा ली। आमतौर पर इस तरह की शादी को न तो परिवार के लोग स्वीकार करते हैं न ही समाज।पर इस अंतरजातीय विवाह को दोनों परिवार ने सहर्ष स्वीकार एक आदर्श स्थापित कर दिया।जिसकी हर ओर प्रशंसा हो रही है।ग्रामीणों ने बताया कि वीरपुर पश्चिम पंचायत के वार्ड संख्या 7 निवासी नरेश पंडित कोचिंग चलाते हैं।पढ़ाई के दौरान ही उन्हें जगदर पंचायत के मुरादपुर गांव की एक छात्रा से प्यार हो गया।काफी समय तक दोनों छुपछुप कर मिलते रहे। प्यार जब परवान चढ़ा तो दोनों ने शादी का फैसला कर लिया और कोर्ट में शादी रचा ली।शादी के बाद लड़की ने घर के लोगों को पूरी बात बता दी तो वे मान गए। लड़की के पिता,भाई व समाज के लोग लड़का के घर पहुंचे और उन्होंने अपनी बहू को घर लाने का अनुरोध किया।वे भी मान गए और दुल्हन को विदा कर रविवार की शाम घर ले आए। दूल्हा नरेश पंडित बीएड कोर्स की ट्रेनिंग कर रहे हैं। वहीं दुल्हन 12 कक्षा में पढ़ती है। जिस तरह दोनों परिवार के लोगों ने इस शादी को स्वीकार किया है। यह समाज के सामने एक आदर्श समझा जा रहा है।