लॉकडाउन काल को पीछे छोड़ जिला परिवहन विभाग की गाड़ी दौड़ने लगी पटरी पर
वाहनों की बिक्री के साथ पंजीकरण का आंकड़ा भी लगा है रफ्तार पकड़ने
राजस्व वृद्धि दर में लगातार इजाफा दर्ज
पहले की अपेक्षा 25 से 30 फ़ीसदी पंजीकरण अब भी कम
कोरोना काल के लॉकडाउन ने देश दुनिया की अर्थव्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है . कोई भी विभाग इससे अछूता नहीं है. राज्य को सबसे अधिक राजस्व देने वाला जिला परिवहन विभाग की स्थिति भी फिसड्डी थी. लेकिन कोरोना कॉल के 7 माह बाद एक बार फिर से अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है. जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश कुमार रंजन बताते हैं कि कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन के दौरान वाहनों की बिक्री पर भी जैसे ताले लग गए थे. जिला परिवहन कार्यालय का काम भी ठप था. स्वाभाविक रूप से राजस्व को भारी हानि पहुंची . लेकिन जैसे-जैसे अनलॉक का चौथा चरण पूरा हुआ वाहनों की बिक्री शुरू हुई और इसमें इजाफा होने लगा और इसने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी. जिला परिवहन कार्यालय में वाहनों के पंजीकरण का काम भी धीरे धीरे ही सही गति पकड़ रहा है. पूर्वी सिंहभूम जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश कुमार रंजन ने बताया कि लॉकडाउन में अन्य विभागों की तरह जिला परिवहन विभाग का राजस्व रिकवरी रेट काफी नीचे आ गया था. या यूं कहा जाए की पंजीकरण का स्तर जीरो पर पहुंच गया था. लेकिन लॉकडाउन के पांचवें चरण में वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी हुई और रिकवरी रेट तेजी से बढ़ने लगा. लेकिन वर्तमान में वाहनों की बिक्री में 25 से 30 फ़ीसदी की गिरावट बरकरार है. हालांकि उम्मीद है कि इसे दुर्गा पूजा तक बराबर कर लिया जाएगा . श्री रंजन ने बताया कि जिला परिवहन विभाग के राजस्व में आई गिरावट का स्तर थमने के बाद से लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौटने लगी है . हमने कठिनाई के दौर को पीछे छोड़ दिया है . उन्होंने बताया की व्यस्तता की वजह से वाहनों की रजिस्ट्री का आंकड़ा देना थोड़ा कठिन है , लेकिन इतना तो तय है कि इसमें धीरे-धीरे ही सही लेकिन इजाफा हो रहा है राजस्व की उगाही में भी बढ़ोतरी हुई है.