नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है. कोर्ट में अजित पवार की ओर से वह चिठ्ठी प्रस्तुत की गई है, जिसमें देवेंद्र फडनवीस को समर्थन दिए जाने की बात कही गई है. इसमें एनसीपी के सभी 54 विधायकों के दस्तखत हैं. इसके अलावा 11 अन्य विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. अजित ने इस पत्र में लिखा है कि मैं एनसीपी विधायक दल का नेता हूं. मुझे सभी विधायकों का समर्थन प्राप्त है. हमने यह तय किया है कि हम फडनवीस को समर्थन दें. कुल 170 विधायकों के समर्थन का दावा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा याचिका का दायरा सीमित, इसे ना फैलाएं
सुप्रीम कोर्ट में रविवार को जो याचिका दायर की गई थी, उसमें केवल दो बिंदु थे. पहला राज्यपाल के फैसले को खारिज किया जाए, दूसरा तीनों दलों को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया जाए. कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्ष याचिका से अलग कई बातें कर रहे हैं, जो सुनने योग्य नहीं हैं.
कोर्ट ने कहा हमें मत बताइये क्या करना है
अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को लगभग आदेश ही देने के अंदाज में कहा कि आप विशेष सत्र बुलाएं और आज ही फ्लोर टेस्ट करवाएं. हम अगर हारते हैं, तो हमें हारने दीजिये. हम इसके लिए भी तैयार हैं, लेकिन आप आज ही फ्लोर टेस्ट करवाइये. इस पर कोर्ट ने कहा कि आप हमें मत बताइये कि क्या करना है. यह हम पर छोड़ दीजिये कि हमें क्या करना है.
– शिवसेना के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी है कि राज्यपाल ने ताबड़तोड़ फैसला लिया है, ऐसा तो आपातकाल में होता है. इस पर कोर्ट ने कहा कि याचिका में तो यह बात लिखी ही नहीं गई है.
– एनसीपी की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि दोनों पक्ष फ्लोर टेस्ट पर राजी हैं तो देर क्यों हो रही है. पुराने आदेश की उपेक्षा नहीं की जा सकती. सिंघवी ने यह भी कहा कि विधायकों की चि_ी एक धोखा है. इसमें विधायकों के दस्तखत तो हैं वे साथ नहीं हैं. उन्होंने आज ही फ्लोर टेस्ट करवाने की मांग की है.
– इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता महाराष्ट्र के राज्यपाल का वह ओरिजनल पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र में भाजपा के नेता देवेंद्र फडऩवीस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था.
– मेहता ने यह भी कहा कि अजीत पवार के 22 नवंबर के पत्र में राज्यपाल को लिखा गया है कि उन्हें एक स्थिर सरकार की जरूरत है और राष्ट्रपति शासन अनिश्चित काल तक नहीं चल सकता. पत्र में कहा गया है कि भाजपा ने पहले अजीत पवार को सरकार बनाने के लिए उनके साथ शामिल होने के लिए कहा था, लेकिन उस समय राकांपा विधायकों के अपर्याप्त समर्थन के कारण उन्होंने मना कर दिया था.
बहुमत परीक्षण को लेकर कोर्ट ना करे हस्तक्षेप
बीजेपी महाराष्ट्र के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में यह दलील दी है कि राज्यपाल ने दस्तावेजों को देखते हुए ही फैसला दिया है. उन्होंने शपथ दिलवाई है तो ऐसे में उनके इस फैसले पर सवाल उठाया जाना उचित नहीं है. उन्होंने बहुमत परीक्षण का समय तय किया है. इसके निर्धारण को लेकर कोर्ट से कहा जाना अनुचित है. सुप्रीम कोर्ट में एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना की संयुक्त याचिका पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मैं याचिका पर हलफनामा दायर करूंगा. मामले में अंतरिम आदेश की जरूरत नहीं है.
अजित पवार के वकील ने कहा पत्र कानूनन सही
कोर्ट में अजित पवार के वकील मनिंदर सिंह ने कहा है कि राज्यपाल को दी गई चि_ियां कानूनन रूप से सही हैं. बाद में उपजी स्थितियों पर अब बहस क्यों हो रही है. अजित पवार ही एनसीपी हैं. उधर, मेहता ने कोर्ट में यह भी दलील दी थी कि महाराष्ट्र के चुनाव का परिणाम 24 अक्टूबर को आ गया था. याचिकाकर्ता पहले राज्यपाल के पास पहले क्यों नहीं गए. कोर्ट में तुषार मेहता ने चिठ्ठी भी पेश की है. यह वही चि_ी है, जिसके आधार पर राज्यपाल ने इन्हें शपथ दिलाई थी.