मनोज सरदार अवसरवादी नेता :राकेश तिवारी
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कोल्हान प्रमंडल के प्रवक्ता राकेश तिवारी ने आज पोटका के कांग्रेश कार्यकर्ता मनोज सरदार के भाजपा में शामिल होने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे लोग आए दिन पार्टी का दामन बदलते रहते हैं यह अवसरवादी नेता है इनको जनता से जुड़कर जनसमस्याओं के समाधान में कोई रुचि नहीं है नहीं यह पार्टी के सिद्धांतों के अनुरूप खरे उतरते ऐसे लोग जिनकी महत्वाकांक्षा बहुत ऊंची है कम समय में ही सब कुछ पा लेना चाहते हैं उसी में से एक मनोज सरदार भी है श्री तिवारी ने कहा ऐसे नेताओं में श्री दुलाल भुइयां ने भी कांग्रेस का दामन थामा और जब भारतीय जनता पार्टी ने तिरस्कृत कर दिया था तब दलित के नाम पर उनको टिकट देकर कांग्रेस पार्टी ने जुगसलाई विधानसभा से चुनाव लड़ाया और जब पार्टी में आए उन्होंने भी कहा था कि अंतिम सांस तक दुलाल भुइयां कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ेगा लेकिन वह भी कांग्रेस छोड़ कर चले गए कांग्रेस बहुत बड़ी पार्टी है लोगों का आना जाना लगा रहता है लेकिन वह अपनी नीतियों और सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं करती और हमेशा से दलितों का आदिवासियों का ख्याल करते आई है लोगों की जब व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ति नहीं होती है तब वह अनर्गल आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं मनोज सरदार जनाधार विहीन नेता है उनके जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता
मनोज सरदार मेरे प्रश्नों का उत्तर दें: बबलू झा
जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिला कोंग्रेस कमिटी के उपाध्यक्ष सह मीडिया प्रभारी बब्लू झा ने कांग्रेस कार्यकर्ता मनोज कुमार सरदार के व्दारा भाजपा में शामिल होने पर सवाल उठाते कहा कि कांग्रेस पार्टी में जिला अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष के अनुमोदन के बाद संगठन मामलों के राष्ट्रीय महामंत्री के हस्ताक्षर से नियुक्ति पत्र निर्गत किया जाता है। तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार या वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरॉव जी ने कोई पत्र कार्यकारी अध्यक्ष पद पर जारी किया है क्या।
तो मनोज कुमार सरदार जी ये बताने का कार्य करें कि उनकी नियुक्ति का पत्र किस पदाधिकारी के व्दारा जारी किया गया है। उस पत्र को सार्वजनिक करें।
यदि मनोज कुमार सरदार एैसा नही करते है तो यह समझा जाएगा कि कहीं न कहीं मनोज कुमार सरदार भाजपा के चक्रव्युह में फंस कर रह जाएंगे।
रहा बात पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास जी का तो वर्तमान में उनकी हालत बूढ़ा गिद्ध वाली हो गई है। जो बरगद के वृक्ष में छुप कर हाथ में सोने का कंगन दिखा कर शिकार पकड़ने का कार्य कर रहे है। विगत विधान सभा चुनाव में बहुत चिला रहे थे 70+ , क्या हुआ मुँह छिपाने तक का जगह नही मिला। दूसरे दल के कार्यकर्ताओं को जाल में फंसा कर उनके भविष्य को बिगाड़ने पर लगे है।