नई दिल्ली. ऐसे वक्त में जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के चलते तनाव चरम पर है और इसे कम करने में अब तक कोई खास सफलता नहीं मिली है, सांसदों का एक समूह लद्दाख सेक्टर का दौरा करेगा. सैनिकों के उच्च ऊंचाई वाली जगहों पर रहने के कारण कपड़े, रहने की जगह और राशन का संसदीय पैनल जायजा लेंगे. पूरे मामले से वाकिफ सूत्र ने इस बात की जानकारी दी.
अधीर रंजन चौधरी की पिछले महीने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पिछले महीने लिखते हुए यह सुझाव दिया गया था कि पीएसी को लद्दाख सेक्टर का दौरा कर वहां पर तैनात सैनिकों से मिलना चाहिए और उनके वर्किंग कंडीशन्स और जरूरतों को समझना चाहिए, इसके बाद यह दौरा तय किया गया है.
समिति इस वक्त सीएजी की हालिया रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है, जिसमें ऊंचाई वाली जगहों के लिए कपड़े और सामानों में कमियों की और इशारा करते हुए और सैनिकों के लिए पर्याप्त सुरक्षा की जरूरतें बताई थी.
अधिकारियों ने बताया कि 6 सितंबर को पीएसी ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ राशन और कपड़ों के मुद्दों चर्चा की थी. इस बैठक में, पीएसी चेयमेन ने सीडीएस से कहा था कि वे लद्दाख सेक्टर के लिए सांसदों के दौरे का विचार करें. इसके बाद अधीर रंजन चौधरी ने ओम बिरला को पत्र लिखा था. पीएसी को 23 अक्टूबर को अपनी यात्रा कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए मिलने की उम्मीद है.
फरवरी में संसद के पटल पर रखी गई एक रिपोर्ट में नेशनल आउडिटर ने सियाचिन और लद्दाख जैसी ऊंची जगहों पर तैनात सैनिकों की आवश्यक चीजों, कपड़ों और राशन में कमी की ओर इशारा किया था. तत्कालीन सीएजी ने एक प्रेस बयान में कहा था- स्नो गोगल्स की बड़ी किल्लत थी और नवंबर 2015 से लेकर सितंबर 2016 तक बहुउद्देशीय जूतों की भी सप्लाई नहीं की गई. हालांकि, सीएजी की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए सीनियर आर्मी ऑफिसर ने कहा था कि कमियों को दूर कर लिया गया था और सियाचिन में तैनात हर जवान को एक लाख की कीमत के सामान की आपूर्ति की गई थी.