बोखारी ने लोगों से मस्जिद में नहीं जाकर घर में नमाज़ पढ़ने की अपील की
निजाम खान
बीरभूम/पश्चिम बंगाल: इस समय पूरा विश्व में कोविड-19 कोरोना जैसी महामारी के भय है।लेकिन इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है।हमें सिर्फ परहेज करना है।घरों के अंदर रहकर लॉक डाउन का पालन करना है।इस बिमारी की कोई दवाई नहीं है।इसका एक मात्र इलाज लोगों के टच में नहीं आना है।उक्त बातें पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला के राजनगर प्रखंड के गायसड़ा शरीफ स्थित खानकाहे बोखारीया के हज़रत सैयद मोहम्मद सैफुल हसन बोखारी ने कहा।बोखारी ने आगे कहा कि अभी जो कोविड-19 कोरोना का माहौल है ऐसे माहोल में लोग मस्जिदों में नहीं जाकर घरों में सभी नमाज़ पढ़े।मुवज्जीन(अज़ान देना वाला व्यक्ति) तथा पेश इमाम सिर्फ मस्जिद जाये।बाकी सभी घर में नमाज पढ़े।बोखारी ने हदीश शरीफ का हवाला देते हुये कहा कि हुज़ूर सललल्लाहो अलैही ह सल्लम बहुत बार साहबाए कराम को घर में नमाज़ पढ़ने का निर्देश दिये है।कहा अल्लाह पाक अपने कुदरती आंखों से सब देख रहा है व जान भी रहा है।आप बेहीचक घर में नमाज़ पढ़िये।आपकी नेकी में कोई अड़चन नहीं होगी।बोखारी ने लोगों से अपील किया कि सभी लॉक डाउन में पुलिस प्रशासन व सरकार की सहयोग करें।सभी लोग अपने लिए,अपने परिवार के लिए,देश व दूनिया के लिए लॉक डाउन का पालन करें।
*बोखारी*:हज़रत सैयद मोहम्मद सैफुल हसन बोखारी हज़रत सैयद शाह नुरुल हुसैन बोखारी साहब के साहबजादे(पुत्र) है।जिनको झारखंड के जामताड़ा,धनबाद,बोकारो,जमशेदपुर, रामगढ़, दुमका,रांची आदि व पश्चिम बंगाल के बीरभूम,आसनसोल सहित आदि राज्य के लोग मुरीद हैं।उन्हें काफी मानते हैं।
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