बात उठी तो दूर तलक जाएगी भाजपा के वरिष्ठ नेता अभय सिंह का बेनाम नेता के खिलाफ जांच की मांग
भाजपा नेता अभय सिंह और जमशेदपुर पूर्वी से विधायक सरयू राय के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा. इस बार अभय सिंह ने टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक के नाम एक पत्र लिखा है, जिसमें बिना किसी नेता का नाम लिए उन्होंने बिस्टुपुर स्थित मिलानी हॉल के सामने टाटा स्टील का एक क्वार्टर युगांतर भारती नामक एक संस्था को आवंटित किए जाने पर सवाल खड़ा किया है, और कहां है कि कंपनी एक्ट और लीज शर्तों के नियमों के विपरीत कंपनी प्रबंधन द्वारा ऐसा कैसे किया गया ? भाजपा नेता अभय सिंह का उपरोक्त विषय में कहना है कि बिष्टुपुर स्थित मिलानी हाल के ठीक सामने युगांतर भारती संस्था के नाम से एक क्वार्टर आवंटित है, जबकि वह क्वार्टर एक स्वयंभू ईमानदार ,कर्तब्यनिष्ठ विधायक जो पिछले सरकार में मंत्री भी रह चुके है, अपना खुद का घर बनाकर रहते है तथा राजनीति का कार्यालय भी बना कर रहते है. अपने पत्र में अभय सिंह आगे कहते हैं कि प्रबंध निदेशक जी क्या वह कार्यालय 20 अगस्त 2005 में टाटा लीज एकरारनामा के नियम एवं शर्तो के आधार पर उस संस्था को दी गयी है? क्या संस्था को आवंटित कार्यालय कोई नेता अपना राजनीतिक कार्यालय के रूप में उपयोग कर सकता है? क्या संस्था के कार्यालय को कोई भी जन प्रतिनिधि अपने आवास के रूप में उपयोग कर सकता है? क्या मजदूरों के लिए बना वह क्वार्टर किसी संस्था को आवंटित किया जा सकता है? अगर आप के द्वारा ऐसा किया गया है तो क्या उसके लिए सरकार के द्वारा चयनित मशीनरी समिति के द्वारा इसे स्वीकृत किया गया है ?
आपके द्वारा 2005 में जमशेदपुर में आये एक व्यक्ति को युगांतर भारती कार्यालय के नाम पर क्वार्टर आवंटित किया गया, पर आखिर क्या कारण है कि 18 लोंगो की जमीन लिखित एकरारनामा के साथ 1969 में शहर के विकास के नाम पर लिया गया था, जो टाटा स्टील के लैंड डिपार्टमेंट से प्राप्त किया जा सकता है, उनको जमीन नही दी गयी।
पर ये शहर का दुर्भाग्य है कि जिस जिसने शहर के विकास के लिए अपनी जमीने दी पर वह आज कल में टलता रहा. जबकि कुछ स्वयंभू संस्था उदाहरण स्वरूप युगांतर भारती को क्वार्टर एलॉटमेंट किया गया जो लीज एग्रीमेंट का सरासर उल्लंघन है।
20 अगस्त 2005 को लीज एग्रीमेंट के शर्तो के शिड्यूल 2 के तहत मजदूरों को रहने के लिए क्वाटर आवंटित करने की शर्तें रखी गयी थी, पर यहाँ एक विधायक द्वारा संस्था के नाम पर आवंटन करा अपना आवास एवं राजनीति कार्यालय बना दिया गया है, और सारे शर्तो नियम कानूनों को धज्जियां उड़ाई गयी। भाजपा नेता ने प्रबंध निदेशक टाटा स्टील से आग्रह किया है कि इस पूरे प्रकरण की जाँच कर कारवाई की जाए, साथ ही साथ उन सभी लोंगो की जमीन जिसने शहर के विकास के लिए दिया है, उनकी समस्याओं को अबिलम्ब दूर की जाए!