एस प्रसाद की रिपोर्ट ।।
मांझागढ़/ गोपालगंज । ऐतिहासिक नगरी मांझागढ़ दाना पुर में इस्थित प्राकृतिक शिव लिंग पर जला भिषेक करने के लिए हजारो की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी बताते चले कि आज से करीब सैकड़ो वर्ष पूर्व एक दलित मजदूर प्रतिदिन चूहे की बिल की खुदाई कर गेंहू की बाल को निकाल कर घर लाता था ।जिससे परिवार की परिवरिश होती थी। रोज की तरह मांझागढ़ राज की भूमि में चूहे की बिल की खुदाई कर गेंहू की बाल निकालने के लिए कर रहा था ।चूहे की बिल की खुदाई करते समय थक थक की आवाज आने तथा कुदाल में खून की धब्बा को देख मजदूर डर गया फिर भी हिमत कर मिट्टी को हटा कर देखा तो शिव लिंग से खून निकलते देख डर के मारे मजदूर कुदाल फेक गांव की तरफ शोर करते हुए भागने लगा मजदूर को भागते देख ग्रामीण पूछने लगे कि क्यो भाग रहे हो तब मजदूर ने ग्रामीणों से अपने आप बीती बताने लगा मजदूर की बात सुन उक्त स्थल पर ग्रामीण जा देखे तो शिव लिंग से निकलते रक्त की दृश्य को देख राज दरबार मे सूचना दी गयी सूचना मिलते राजा माधवे सुरेन्द्र शाही उक्त स्थल पर पहुच कर शिव लिंग से रक्त निकलते देख चकित रहने के बाद शिव लिंग को निकालने की प्रक्रिया शुरु कर दिया गया परन्तु शिव लिंग नही निकलने पर हाथी के पैर में और शिवलिंग में सीकड़ बांध कर शिवलिंग निकालने का प्रयास करीब एक सप्ताह तक चलता रहा परन्तु शिव लिंग नही निकल पाया तब राजा चिंतित होकर रात में सोते समय सोचने लगे की आखिर शिव लिंग क्यो नही निकल पा रहा है । इसी विच सपने में भगवान शिव ने राजा को दर्शन देते हुए बोले कि हे राजन शिव लिंग निकालने का प्रयास मत करना नही तो तेरे राज पाट की विनास हो जायेगे राजा ने सुबह होते ही छोटी सी एक कमरा शिव लिंग पर बनवा दिया तथा शिवनिंग की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करने के बाद राज दरबार मे एक शिव लिंग की स्थापना कर भव्य शिव मंदिर बनाया गया और राज दरबार मे भगवान शिव की पूजा होने लगा उसी समय से लोग प्राकृतिक शिवलिंग दाना पुर और मांझागढ़ राज में बनाये गए शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए लोगो की भीड़ शिवरात्रि दिन जला भ
उमड़ पड़ती है लोगो का मानना है कि इस शिव लिंग पर सच्चे दिल से जो जला भिषेक करने वाले कि मनोकामना भगवान शिव की कृपा से पूर्ण होती है । ऐसे तो देखा जाय तो पुरानी परंपरा के अनुसार शिव लिंग पर जला भिषेक कर अपनी मनोकामना करते है।परन्तु प्राकृतिक शिव लिंग दाना पुर की महीन अपार है जिसके वजह से छोटी सी कमरा को तोड़ आज विशाल शिव मंदिर ग्रामीणों और जन प्रतिनिधियों के सहयोग बन रहा है ।और हजारो भक्त भी जलाभिषेक करने के लिए आ रहे है और शिव रात्रि की मेला भी लग रहा है । यह शिवलिंग काशी की तरह । मुस्लिम बस्ती के समीप है ।