दीपावली और छठ के पर्व भी सरकार के गाइडलाइन के अनुरूप हो :- ओमप्रकाश सिंह
दीपावली में 10 वर्ष से कम उम्र 68 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को पटाखों से दूर रहने की जरूरत
छठ में प्रदूषित नदी के जल से बचाव करें जितना संभव हो घर पर छठ मनाए
इस वर्ष अन्य पर्व त्योहारों की तरह कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए दीपावली और छठ पूजा भी मनाया जाना चाहिए. सरकार द्वारा निर्धारित किए जाने वाले गाइडलाइन का अक्षरस: पालन आवश्यक है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाना चाहिए. मास्क अनिवार्य रूप से पहनना है. साबुन से हाथ बराबर धोया जाए और सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाए .अन्य जरूरी सावधानियां भी बरतनी होगी . आज इस मुद्दे को लेकर झारखंड लीगल एडवाइजर एंड डिवेलप ऑर्गेनाइजेशन तथा जन कल्याण मोर्चा द्वारा संयुक्त रुप से एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया . प्रेस वार्ता में दोनों ही संगठनों के अध्यक्ष सह अधिवक्ता ओमप्रकाश सिंह और सचिव एस के सवाई उपस्थित थे. संस्था के संरक्षक डॉ मृत्युंजय सिंह को भी विशेष रुप से इसमें आमंत्रित किया गया था. इस संबंध में जानकारी देते हुए ओमप्रकाश सिंह ने बताया की इन दिनों कोरोना का समय चल रहा है . जिससे बचाव बहुत जरूरी है. दीपावली के समय लोग पटाखे छोड़ते हैं. पटाखों से कार्बन डाइऑक्साइड और सल्फर जैसी जहरीली गैसे निकलती हैं , जो आमतौर पर स्वास्थ्य के लिए हानि प्रद हैं. उसमें भी कोविड-19 का खतरा बना हुआ है . इन गैसों के प्रभाव से कोविड-19 का संक्रमण भी बढ़ सकता है . डॉ मृत्युंजय कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया की 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को पटाखों से दूर रहने की जरूरत है . क्योंकि ऐसे लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और वे बहुत जल्दी गैसों के प्रभाव में आ सकते हैं . उन्हें जहरीली गैसों के प्रभाव से बचने की जरूरत है. वैसे लोगों को भी पटाखों से दूर रहने की सलाह दी गई जो कोविड-19 के प्रभाव से उबरे हैं और स्वस्थ हो चूके हैं. उन्हें सलाह दी जाती है कि वे थ्री लेयर मास्क पहन कर ही घर से बाहर निकले. वैसे तो पटाखों और बारूद से जलने वाले हर सामानों के सामने थ्री लेयर मास्क पहन कर लोगों को सलाह दी जाती है, अन्यथा स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकते है . नाक और मुंह को ढककर घर से निकलने की जरूरत है. संस्था की ओर से अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह, सचिव एसके सवाई और डॉ मृत्युंजय कुमार ने लोगों से अपील की है कि कोई भी पर्व अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखकर मनाने की जरूरत है. अन्यथा परिवार का एक सदस्य कई लोगों को संक्रमित कर सकता है, जो व्यक्ति को कोविड- 19 से प्रभावित रहा हैं उन्हें पटाखों के करीब नहीं जाना चाहिए. उन्हें घर पर ही रहना चाहिये. इसके अलावा जहां तक छठ पूजा की बात है तो नदी का पानी विषैला हो गया है . गंदगी से पटे नालों का पानी नदी में आता है जो उसे और भी उसे विषैला बना देता है. जुगसलाई, आदित्यपुर नगर पालिका और अक्षेस से निकलने वाले गंदे पानी के स्रोत नदी में मिल जाते हैं , जो उसे और भी प्रदूषित कर देते हैं . ऐसे में नदी के पानी में नहाने से परहेज करना है. छठ पूजा के मौके पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन आवश्यक है. कोशिश इस बात की की जानी चाहिए कि लोग कृत्रिम तरीके से घर पर ही जल प्रवाहित कर छठ मनाए. बहुत जरूरी हो तो नदी के किनारे जाएं . लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए थ्री लेयर मास्क पहने. अनिवार्य रुप से मुंह और नाक को ढक कर रखें. आमतौर पर छठ के मौके पर सूर्यास्त के समय और सूर्योदय के समय नदी घाटों पर भारी भीड़ उमड़ती है . जो संक्रमण को काफी जादे फैला सकती है, इसलिए लोगों से अपील की जाती है कि वे बचकर रहे और पूजा पाठ करें . संस्था का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है ताकि लोगों को इस जानलेवा महामारी से बचाया जा सके. समाज और देश की रक्षा हो सके . संक्रमित बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके.
दीपावली और छठ के पर्व भी सरकार के गाइडलाइन के अनुरूप हो :- ओमप्रकाश सिंह
Previous Articleत्रिकोणीय मुकाबले की पेंच में फंसी साहेबपुर कमाल विधानसभा की सीट
Next Article नेत्र जांच शिविर का हुआ शुभारंभ