गुवाहाटी: असम को लेकर केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत विवादित आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पॉवर एक्ट को राज्य से हटाने पर फैसला लिया गया है. यह कानून इसी साल अगस्त में पूरी तरह से हटा लिया जाएगा. इसके लिए असम से सैनिकों की वापसी के आदेश दे दिए गए हैं. ख़ास बात ये है कि इस कानून को राज्य से 29 सालों बाद हटाया जाएगा.
कब लगा AFSPA?- जब प्रफुल्ल कुमार महंत के नेतृत्व वाली तत्कालीन असम गण परिषद सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था. तभी से यहां अफ्सपा कानून लागू है. अफ्सपा कानून के तहत यहां सशस्त्र बलों को विशेषाधिकार प्राप्त हैं. हालांकि राज्य में हालात के कुछ सुधरने से वहां धीरे-धीरे सेना को हटाया जाने लगा.
राज्य में सेना की जगह पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने ले ली. पिछले साल सितंबर में केंद्र ने राज्य सरकार को ये अधिकार दिया कि वो अफ्सपा को बढ़ा या हटा सकती है. राज्य सरकार ने दो बार इस कानून को आगे बढ़ाया जिसमें नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स की प्रक्रिया का हवाला दिया गया था.
क्या है AFSPA?
अफ्सपा को साल 1958 में संसद ने पारित किया था. इसका पूरा नाम आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट, 1958 (AFSPA) है. 11 सितंबर 1958 को अफ्सपा लागू हुआ था. शुरू में ये पूर्वोत्तर और पंजाब के उन क्षेत्रों में लगाया गया था जिन्हें ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया गया था. इनमें से ज्यादातर क्षेत्रों की सीमाएं पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और म्यांमार से सटी थीं.
अफ्सपा को साल 1958 में संसद ने पारित किया था. इसका पूरा नाम आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट, 1958 (AFSPA) है. 11 सितंबर 1958 को अफ्सपा लागू हुआ था. शुरू में ये पूर्वोत्तर और पंजाब के उन क्षेत्रों में लगाया गया था जिन्हें ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया गया था. इनमें से ज्यादातर क्षेत्रों की सीमाएं पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और म्यांमार से सटी थीं.