संतोष चौरसिया की रिपोर्ट
वीरपुर बेगूसराय
उत्क्रमित उर्दू स्कूल मुजफ्फरा में सरकारी राशि की लूट-खसोट और वित्तीय अनियमितता की जांच का आदेश डीईओ ने दिया है। इस स्कूल में बच्चों की राशि के कथित गबन के आरोप की जांच बीईओ को सौंपा गया है। इस मामले को लेकर यहां के ग्रामीण कई महीने से आंदोलन कर रहे हैं। लोगों ने एक बार फिर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और डीएम को परिवाद पत्र भेजकर बच्चों के साथ हुई वित्तीय धोखाधड़ी पर कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में डीएम ने डीईओ से जांच रिपोर्ट मांगी है। डीईओ ने वीरपुर के बीईओ को जांच का आदेश दिया है।
पूर्व एचएम पर लगाए गए हैं गम्भीर आरोप
सैकड़ों लोगों के हस्ताक्षरयुक्त परिवाद पत्र में विद्यालय के पूर्व एचएम मो वशीउल हक अंसारी पर कई गम्भीर आरोप लगाए गए हैं। कहा गया है कि 2017 से ही विद्यालय में शिक्षा समिति का गठन नहीं हुआ है। इस दौरान उक्त एचएम तीन साल पुराने एचएम के फर्जी हस्ताक्षर से राशि की निकासी करते रहे हैं। मध्याह्न भोजन योजना में भारी अनियमितता की गई है। स्कूल में बच्चों की दैनिक उपस्थिति 300 से 400 रही है,पर फर्जी तरीके से करीब 900 बच्चों की हाजिरी बनाई जाती रही है। इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए एचएम द्वारा वर्ग शिक्षक को बच्चों की हाजिरी नहीं बनाने दिया जाता था।बल्कि एचएम के दो खास शिक्षक कार्यालय में बैठकर फर्जी हाजिरी बनाते रहे हैं। लोगों ने कहा है कि यहां रमजान में 2005 से ही एमडीएम बंद रहा है क्योंकि स्कूल में सभी बच्चे अल्पसंख्यक समुदाय से हैं और वे रोजा रखते हैं। किंतु मौजूदा प्रभारी प्रधान ने रमजान महीने में भी मध्याह्न भोजन दिखाकर हजारों रुपए का घोटाला किया है। लॉकडाउन के दौरान बच्चों के बीच बांटने के लिए आवंटित चावल तीन बार बेच दिया गया है। छात्रवृत्ति और पोशाक की राशि भी फर्जी तरीके से निकासी कर ली गई है। विद्यालय विकास राशि का पिछले 5 वर्षों से उपयोग नहीं किया गया है। इस राशि की फर्जी तरीके से निकासी कर प्रभारी प्रधान ने अपनी निजी जमीन खरीदी है। विद्यालय के खाते से ब्याज के 60 हजार रुपए निकाल लिए गए हैं।
6 माह बाद भी स्थायी एचएम को नहीं मिला प्रभार
ग्रामीणों ने कहा है कि विद्यालय में स्थायी एचएम का पदस्थापन 6 माह पूर्व ही हो गया था। पर अभी तक प्रभारी एचएम वशीउल हक अंसारी ने नए एचएम श्याम कुमार को प्रभार नहीं सौंपा है। जरूरी अभिलेख और वित्तीय हिसाब नहीं मिलने से एचएम को विद्यालय संचालन में परेशानी हो रही है। लोगों ने परिवाद पत्र में कहा है कि पिछले 5 वर्षों में यहां 3 स्थायी एचएम आ चुके हैं। पर उक्त ग्रामीण शिक्षक द्वारा उन्हें परेशान कर कुछ ही महीने में तबादला कराने पर मजबूर कर दिया गया है। यही प्रयास नए एचएम के साथ भी किया जा रहा है।
पूर्व एचएम पर कार्रवाई और स्थानांतरण की कर रहे हैं मांग
ग्रामीणों ने विद्यालय में हुई इस अनियमितता की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। कहा है कि इस ग्रामीण शिक्षक को यहां से तुरन्त कहीं और तबादला किया जाना चाहिए। साथ ही गड़बड़ी में दोषी पाए जाने पर उनके ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। लोगों ने कहा है कि उन्हें और उनके बच्चों को न्याय नहीं मिला तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
जनप्रतिनिधियों ने भी उठाई जांच की मांग
ग्रामीणों की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए जिला पार्षद शिल्पी कुमारी,प्रमुख मीना देवी,उप प्रमुख सुबोध कुमार पासवान,भवानंदपुर के मुखिया दीपक कुमार,डीहपर पंचायत के मुखिया राजीव कुमार समेत कई जनप्रतिनिधियों ने भी स्कूल में धांधली की जांच कर दोषी शिक्षक पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा है कि बच्चों की राशि के गबन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों ने स्थायी एचएम को तुरन्त प्रभार दिलाने की मांग डीईओ से की है। इधर प्रभारी प्रधान वशीउल हक अंसारी ने उनपर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है। कहा है कि विद्यालय की राशि निर्धारित मानक के अनुसार व्यय की गई है।