वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) ने केेंद्र सरकार को चेताया है कि बोनस रेल कर्मचारियों का अधिकार है और वह इसे लेकर रहेंगे. सन 1974 की ऐतिहासिक रेल हड़ताल के बाद रेल कर्मचारियों को बोनस मिलना शुरू हुआ. इसके लिए रेल कर्मचारियों ने कुर्बानियॉं दी है. लंबे संघर्ष के बाद रेलकर्मियों को बोनस का अधिकार मिला है. यह बात गुरूवार को कोचिंग डिपोंमे द्वारसभा के दौरान रेल कर्मचारियों को संबोधित करते हुए वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाई यूनियन के मंडल सचिव का. नवीन लिटोरिया ने कहा . यूनियन के आव्हान पर जबलपुर मंडल मे बोनस अधिकार पखवाड़ा मनाया जा रहा है.
इस अवसर पर मंडल सचिव श्री लिटोरिया ने बताया कि केन्द्र सरकार अब रेलवे कर्मचारियों के साथ छिछोरी हरकतें करनेलगी है. कभी मंहगाई भत्ते को बंद करने का आदेष देती है . कभी रात्रि भत्ता बंद करने के आदेष जारी करती है. तो कभी कर्मचारियों का बोनस रोक देती है. अब तो रेल कर्मचारियों द्वारा गत समय रात्रि मे किये गये कार्यो के एवज मे दिये गये भुगतान की रिकवरी करने के आदेष भी जारी होने लगे है. कोरोना महामारी की आड़ मे सरकार मजदूरों की ताकत और मजदूर आंदोलन को कमजोर करने के लिए नित नये प्रयोग कर रही है. रेल कर्मचारियो को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि सरकार रेल कर्मचारियो के लिए बोनस की षीघ्र घोशणा करे वरना रेल कर्मचारी बिना नोटिस दिये रेल का चक्का जाम करने की तैयारी मे है.
औद्योगिक शांति को बिगाडऩे का प्रयास कर रही सरकार : बीएन शुक्ला
मंडल अध्यक्ष का. बी.एन. शुक्ला ने कहा कि सरकार रेल कर्मचारियों के लिए बोनस की षीघ्र घोशणा करे बरना निष्चित रूप से रेल उद्योग की औद्योगिक षान्ति बिगडऩे वाली है. मंडल अध्यक्ष का. बी.एन.शुक्ला ने कहा कि सभी रेल कर्मचारी एकजूट होकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करें, तभी हमें सफलता मिल पायेगी. यह बोनस पिछले वर्श का है. इसमें कैंची नहीं चलाने दी जायेगी, त्यौहार भत्ता तो केवल झुनझुना है. इससे रेल कर्मचारी मानने वाला नहीं है. बोनस अधिकार पखवाड़े के समापन के अवसर पर शुक्रवार 16 अक्टूबर 2020 को दोपहर में महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष द्वारसभा की जायेगी. आज की द्वार सभा में का. जरनैल सिंह, का. रोमेश मिश्रा, का. सुशान्त नील, का. कमलेश, का. रवि गौतम, का. अंकित पाण्डेय, का. चन्दन, का. तारा, का. जितेन्द्र वर्मा, का.ओम प्रकाश एवं सैकड़ों रेल कर्मचारी उपस्थित रहे.