नई दिल्ली: जेट एयरवेज की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) को जेट एयरवेज और उसकी समूह की कंपनियों की जांच का आदेश दिया है. जांच में यह पता लगाया जाएगा कि क्या वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं. धन के गबन, कुप्रबंधन जैसे मामलों को लेकर भी जांच होगी. जांच की रिपोर्ट 6 महीने में सौंपी जाएगी. गौरतलब है कि आज जेट एयरवेज पर पायलट, कर्मचारियों, कर्जदाताओं, बैंकों और वेंडरों का काफी कर्ज बकाया है. तेल कीमतों में बढ़ोतरी और घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धा के चलते कंपनी की दिक्कतें बढ़ गई हैं.जेट एयरवेज ने जिन कंपनियों से विमान किराए पर लिए हैं, उनसे भी कंपनी के संबंध कुछ ठीक नहीं हैं. इस साल जनवरी में कंपनी ने एसबीआई अधिकारियों के साथ कर्ज योजना को लेकर बैठक भी की थी, जिसमें वेंडर और कर्जदाता भी शामिल थे. बता दें कि ऑडिट प्रक्रिया दिसंबर में ही शुरू हो गई थी. मीटिंग के दौरान जिन कंपनियों से जेट एयरवेज ने विमान किराए पर लिए थे, उन कंपनियों ने आपत्ति जताई थी कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया उनके साथ सारी जानकारी साझा क्यों नहीं कर रहा हैं. तब गुस्से में आए जेट के फाउंडर ने उन कंपनियों से उनके विमान वापस लेने को कह दिया था. ऐसा माना जाता है कि गोयल के इस कदम की वजह से उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.