* देवी दुर्गा के नौ रूप हैं, जिनकी नवरात्रि में पूजा-अर्चना की जाती है.
* प्रथम स्वरूप- देवी शैलपुत्री हैं, जिनकी नवरात्रि के पहले दिन पूजा-अर्चना की जाती है.
* पर्वतराज हिमालय पुत्री स्वरूप होने के कारण इन्हें माता शैलपुत्री पुकारा जाता है.
* वृषभ-स्थिता माता शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है.
* ओम देवी शैलपुत्री्यै नम: …मंत्र के साथ देवी को प्रिय चमेली का फूल अर्पित करें, देवी जीवन के अंधकार को दूर कर जीवन में सफलता के लिए प्रकाश प्रदान करेंगी.
* मन के कारक चन्द्रदेव की प्रसन्नता और मानसिक शांति के लिए नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा-अर्चना करें.
* वैसे तो नवरात्रि के व्रत-पूजन से जीवन में सुख-समृद्धि-सफलता आती है लेकिन कर्क राशि के जो श्रद्धालु यदि सभी दिन व्रत नहीं कर सकें तो उन्हें नवरात्रि के पहले दिन का व्रत रख कर जीवन में सुख-समृद्धि-सफलता के लिए देवी शैलपुत्री की आराधना करनी चाहिए.
– आज का राशिफल –
मेष राशि:- जो लोग दूसरे के लिए मांगते हैं, उन्हें कभी अपने लिए नहीं मांगना पड़ता है. माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी. किसी के बहकाने से अपने संबंध तोड़ने से बचें. पैर में चोट लग सकती है. समाज में आपका यश बढ़ेगा.
वृष राशि:- जिन लोगों का सहयोग आप ने किया था, आज वे ही आप से मुंह फेर रहे हैं. बीमारी में दवाई असर नहीं करेगी. बेहतर होगा अपना डॉक्टर बदलें या किसी योग्य व्यक्ति से सलाह लें. नए भवन में जाने के योग हैं.
मिथुन राशि:- किसी के बहकावे में आप बहुत जल्द आ जाते हैं. समय रहते जरूरी कार्य पूरे करें. निजी जीवन में दूसरों को प्रवेश न दें. पिता के व्यवहार से मन मुटाव होगा. जीवनशैली में परिवर्तन के योग है. पुरानी दुश्मनी के चलते विवाद संभव है.
कर्क राशि:- सोचे हुए कार्य समय पर होने से मन प्रसन्न रहेगा. अपने वाक् चातुर्य से सभी काम आसानी से करवा लेंगे. कार्यस्थल पर अपनी अलग पहचान स्थापित करेंगे. प्रेम-प्रसंग के चलते मन उदास रहेगा.
सिंह राशि:- आपकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी. जीवनशैली में आये परिवर्तन से खुश होंगे. आजीविका के नए स्रोत स्थापित होंगे. पारिवारिक सौहार्द बना रहेगा. मांगलिक समारोह में सक्रिय भूमिका रहेगी.
तुला राशि:- अपने स्वभाव में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है. कार्यस्थल पर योजना लाभप्रद रहेगी. पड़ोसियों की मदद करनी पड़ सकती है. क्रोध की अधिकता से परिजन नाखुश होंगे. शेयर बाजार में निवेश से लाभ होगा.
तुला राशि:- जल्दबाजी में किये फैसलों से भारी नुकसान हो सकता है. परिवार में आप की बातों को सुना जायेगा. धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागिता होगी. जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा. परीक्षा परिणाम अनुकूल रहेगा.
वृश्चिक राशि:- समय से पहले और भाग्य से ज्यादा किसी को नहीं मिलता. अपनी बारी का इंजतार करें. संतान के सहयोग से कार्य पूरे होंगे. नए लोगों से संपर्क बनेगा, जो भविष्य में लाभदायक रहेगा. वाहन सुख संभव है.
धनु राशि:- व्यस्तता के कारण सेहत को न भूलें. अपने जीवनसाथी से नम्रता से बात करें और आपके दोनों के वार्तालाप में स्नेह झलके ना कि बनावटी बातें करें. वाणी मधुर रहे. यात्रा के योग बन रहे हैं.
मकर राशि:- अपने अक्खड़ व्यवहार से सभी से दूरियां बढ़ा लेंगे. व्यवहार नम्र रहे और अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें. पिता के साथ तालमेल न रहने से घर का वातावरण गरमा सकता है. संपत्ति से संबंधित जरूरी अनुबंध हो सकते हैं.
कुम्भ राशि:- अपने हिसाब से जिन्दगी जीना पसंद है. जो लोग आप के कार्यों की सराहना करते थे, वे आप का विरोध करेंगे. भवन-भूमि के विवादों का अंत होगा. पिता के व्यवसाय में रुचि कम रहेगी.
मीन राशि:- समय रहते अपने कार्य पूर्ण करें. पारिवारिक लोगों का सहयोग न मिलने से कार्य प्रभावित होंगे. घर में वास्तु अनुरूप परिवर्तन करें, तो पारिवारिक तनाव खत्म होगा. फैक्ट्री में प्रवेश द्वार पर पंचमुखी हनुमान की तस्वीर लगायें, चमत्कारिक लाभ होगा.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453
*यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
शनिवार का चौघडिय़ा
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- काल पहला- लाभ
दूसरा- शुभ दूसरा- उद्वेग
तीसरा- रोग तीसरा- शुभ
चौथा- उद्वेग चौथा- अमृ
पांचवां- चर पांचवां- चर
छठा- लाभ छठा- रोग
सातवां- अमृत सातवां- काल
आठवां- काल आठवां- लाभ
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!