नई दिल्ली: चीन के वुहान से लाए गए एवं आईटीबीपी के एक पृथक केंद्र में रखे गए सभी 406 लोगों की अंतिम जांच में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हुई है. उन्हें चरणबद्ध तरीके से सोमवार को एक वहां से छुट्टी दे दी गई.आईटीबीपी के अधिकारियों ने बताया कि सभी भारतीयों के कोरोना वायरस टेस्ट में निगेटिव रिपोर्ट आई जिसके बाद आईटीबीपी के अधिकारियों ने सभी भारतीयों को गुलाब का फूल देकर उन्हें उनके घर भेज दिया.आपको बता दें कि इसके पहले भारत सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद एअर इंडिया के दो 747 बोइंग विमानों के जरिए एक और दो फरवरी को चीन के वुहान से कुल 650 लोगों को एयर लिफ्ट कर भारत बुला लिया था.एयरलिफ्ट किए गए भारतीयों में से 406 लोगों की यहां आईटीबीपी के पृथक केंद्र में देखभाल के लिए रखा गया था, जबकि शेष को हरियाणा के मानेसर में सेना के एक केंद्र में रखा गया है.चिकित्सकों की एक टीम ने शुक्रवार को यहां भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के पृथक केंद्र में रखे गए लोगों के अंतिम नमूने लिए थे. आईटीबीपी के एक प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि सभी लोगों के नमूनों की जांच के बाद इस बात की पुष्टि हुई कि इनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है.उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उचित चिकित्सा प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल के साथ जारी किए गए परामर्श के आधार पर सभी 406 व्यक्तियों को सोमवार से चरणबद्ध तरीके से छुट्टी दी जाएगी.
भारतीय मेडिकल टीम को देखकर लगाए नारे
वहीं वुहान गए डाक्टर्स की टीम ने बताया भारत सरकार के विमान और डाक्टर्स को देखकर वुहान में फंसे भारतीय इतने ख़ुश नज़र आए और वहां भारत माता की जय के नारे लगने लगे, कई लोग रोने भी लगे उन्हें उमीद ही नहीं थी की कोई उन्हें बचाने आएगा. डाक्टर्स ने बताया वो खुद भी काफ़ी डरे हुए थे ये सोचकर कि क्या उन्हें कोरोना वाइरस के सिम्प्टम्ज़ ना हो जाए अपने परिवार के लिए हम डरे हुए थे, लेकिन हमें पता था की यह हमारी ज़िम्मेदारी है.
केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने की मुलाकात
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने चीन से एयरलिफ्ट किए गए भारतीयों से मुलाकात की. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, हमने पहले दिन से ही अपने आस-पास के देशों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सहायता ऑफर की थी.
हमारी ओर से कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को उचित सहायता दी जा रही है. आने वाले समय में भी अगर किसी दूसरे देश के कुछ लोग होंगे जिनको वहां से निकालना आवश्यक होगा तो हम उन लोगों की भी मदद करेंगे.