उत्तम मुनि |
संवाददाता,नाला(जामताड़ा)— “मनसा देवी “की पूजा क्षेत्र में धुमधाम व श्रद्धापूर्वक मनाई गई |विदित हो कि इस अवसर पर क्षेत्र के नाला मध्य टोला केवटपाड़ा,गोपालपुर ,कुलडंगाल,खैरा, राधाबल्लभपुर ,अफजलपुर ,किष्टोपुर सहित विभिन्न गाँवों में पारम्परिक ढंग से नियम निष्ठा के साथ विधि- विधान पूर्वक माँ मनसा की पूजा अर्चना की गई | विदित हो कि माँ मनसा की पूजा दो विधियों द्वारा की गई ,कई जगहों में माता मनसा की पूजा वैष्णवी मतों से तो कई जगहों पर बकरे की बलि चढा़कर माँ मनसा की पूजा की गई | इस अवसर पर मंदिरों को आधुनिक विद्धुतिकरण व उपकरणों द्वारा सुसज्जीत भी की गई थी | विदित हो कि कई स्थलों पर सैकड़ों बकरे की बलि भी दी गई वहीं कई जगहों पर फल – फुल से वैष्णवी पूजा की गई | परम्परानुसार कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा माँ मनसा देवी पर आधारित मनसा मंगल यात्रा का मंचन भी किया गया | विदित हो कि इस अवसर पर मित्र कुटुम्ब परिजन एक दुसरे के घर जाकर निमंत्रण भी स्विकार करते हैं | सुबह से ही कुटुम्ब परिजनों का आवाजाही का शिलशिला जारी रहा |लोग एक दुसरे के घर दावत में शामिल हुए और माँ मनसा देवी की प्रतिमा का दर्शन कर प्रसाद ग्रहण किए |विदित हो कि इस पावन अवसर पर चारो ओर ढोल ,गाजे- बाजे से माहौल खुशनुमा रहा | इधर माँ मनसा देवी की दर्शन के लिए लोग नए- नए परिधानों में सुसज्जीत होकर माँ मनसा देवी की मंदिरों में माथा टेककर परिवार की सुख शांति की कामना की |कहते हैं माँ मनसा देवी नागों की देवी होने के कारण उनकी उपासना से सर्पाघात से मृत्यु नहीं होती ,माँ मनसा देवी की पूजा खासकर ग्रामिण सुदुर क्षेत्र में अधिकाधीक सं० में किया जाता है | खेत खलिहान ,जल ,जंगल-झाड़ियों में निवास व कार्य करने वाले लोग विशेष रूप से नाग देवी की प्रतिमा स्थापीत कर पारम्परिक ढंग से पूजा- अर्चना करते हैं |मान्यता है कि नाग देवी की पूजा करने से सभी प्रकार के विषधर साँपों से माँ मनसा उनकी रक्षा करते हैं |