कोरोना से निपटने के लिए सबसे बड़े दानवीर बने रतन टाटा को लेकर गुरुचरण महतो ने लिखा कविता:-
जमशेदपुर:शहर के बारीडीह निवासी युवा कवि व गीतकार गुरुचरण महतो ने वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए भारत सरकार के प्रधानमंत्री आपातकालीन राहत कोष में 1500करोड़ रुपए दान देने वाले टाटा संस के मानद चेयरमैन,पद्मभूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित श्री रतन नवल टाटा के ऊपर एक कविता लिखा है।टाटा स्टील एल.डी.3 टी.एस.सी.आर.(LD#3TSCR) विभाग में स्थायी कर्मचारी के रूप में कार्यरत गुरुचरण महतो ने बताया कि नैतिक मूल्यों के धनी तथा भारत के सबसे पुराने औद्योगिक घरानों के दिग्गज लीडर श्री टाटा ने जब जब देश में संकट आया है,दिल खोलकर दौलत लुटाया है तथा धनराशि से पहले देशवासी का परिचय देते हुए परोपकारी और मानवता का विशाल रूप दिखाया है।चाहे पुलवामा एटैक के बाद सैकड़ों की संख्या में भारतीय जवानों को बुलेटप्रूफ-मिसाईल प्रूफ बम निरोधक चार पहिया वाहन मुहैया कराना हो,पांच राज्यों में कैंसर हॉस्पिटल के लिए 1000करोड़ रु.का आर्थिक सहायता हो या फिर अभी-अभी कोरोनावायरस से निपटने के लिए 1500करोड़ रु.का महादान हो।गुरुचरण महतो ने आगे बताते हुए कहा कि सादगी से भरपूर और झूठी चमक-दमक से दूर श्री रतन टाटा उनके आदर्श और पसंदीदा उद्योगपति हैं तथा अतिशीघ्र भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किए जाने को लेकर आशान्वित भी है।
देश के रत्न:रतन टाटा
झूठी चमक-दमक से दूर
सफलता से हुए ना मगरूर,
शांत शर्मीले स्वभाव हैं आपकी
सादगी आप में भरा है भरपूर;
नैतिक मूल्यों से आपकी पहचान
भारत में बसती आपकी जान
आप हैं बुलंदी के रतन महान।
दिए सदैव कमाई के दान
ताकि हो सके समाज उत्थान,
ऐसा भारत है उनका सपना
मिले अवसर सभी का समान;
विरले ही मिलते ऐसा इंसान
भारत में बसती जिनकी जान
आप हैं भारत के रतन महान।
देश में जब जब संकट आया
दिल खोलकर दौलत लुटाया,
दौलत से पहले देश है कह के
मानवता का विशाल रूप दिखाया;
देश ना भूलें कतई एहसान
भारत में बसती जिनकी जान,
आप हैं दानवीर रतन महान
आपको मिले भारत रत्न सम्मान।
*कवि:गुरुचरण महतो,जमशेदपुर*