नई दिल्ली: ई सिगरेट पर प्रतिबंध को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश पर प्रदेश में अमल की कवायद शुरू हो गई है. डीजीपी ओपी सिंह ने सभी जोन के एडीजी, रेंज के आईजी व कप्तानों को इसका कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए हैं. अध्यादेश में ई सिगरेट के उत्पादन, आयात-निर्यात, परिवहन, खरीद-बिक्री और विज्ञापन पर एक साल की सजा या एक लाख रुपये जुर्माना लगाने को कहा है.डीजीपी ने कहा कि भंडारण करने पर छह महीने की सजा या 50 हजार जुर्माना लगाने का प्रावधान है. इसे संज्ञेय श्रेणी अपराध बताते उन्होंने कड़ाई से रोक लगाने को कहा. अध्यादेश में ई सिगरेट का स्टाक रखने वालों को मौका दिया गया है कि वे अपना स्टाक खुद नजदीकी थाने में जमा करा दें.तय व्यवस्था में ई सिगरेट जिसमें निकोटिन प्रदान करने वाले सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक यंत्र जैसे ई हुक्का व इसी प्रकार के अन्य यंत्र शामिल हैं. लेकिन इनमें वह चीजें शामिल नहीं हैं जो ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स एक्ट-1940 के तहत लाइसेंस के दायरे में हों.इसके तहत ई सिगरेट अथवा यंत्र के किसी भाग का ऑनलाइन विक्रय और विज्ञापन भी प्रतिबंधित है. डीजीपी ने कहा कि ई सिगरेट के सर्च एवं सीजर के लिए उप निरीक्षक स्तर का अधिकारी अधिकृत होगा. डीजीपी ने अधिकारियों को सेमिनार कर अधीनस्थ अधिकारियों, थाना व चौकी प्रभारियों को अध्यादेश के प्रावधानों को समझाने व अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं.
ई सिगरेट की खरीद फरोख्त पर एक साल की सजा या एक लाख जुर्माना
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