नई दिल्ली. देश की नरेंद्र मोदी सरकार भारतीय वायुसेना को और मजबूत करने जा रही है. वह 56 ट्रांसपोर्ट प्लेन के लिए 2.5 बिलियन डॉलर के अनुबंध पर हस्ताक्षर करने वाली है. मेक-इन-इंडिया पहल के तहत एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एंड टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड संयुक्त रूप से 56 सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के साथ प्रोजेक्ट को पर काम करने वाले हैं.
अधिकारियों ने कहा कि अनुबंध के तहत, एयरबस पहले 16 विमानों को फ्लाईअवे की स्थिति में आपूर्ति करेगा, जबकि शेष 40 को टीएएसएल द्वारा भारत में असेंबल किए जाएंगे. रक्षा मंत्रालय ने अपने साल के अंत की समीक्षा में कहा कि भारत में 40 विमानों (कुल 56 में से) के निर्माण के लिए एक भारतीय उत्पादन एजेंसी की भागीदारी के साथ एयरबस से 56 सी-295 की खरीद वित्तीय स्वीकृति के चरण में है और निकट भविष्य में अनुबंध पर हस्ताक्षर होने की संभावना है.
मंत्रालय ने कहा, मामला पहली तरह का है जिसमें निजी कंपनियों की भागीदारी की परिकल्पना की गई है और यह हमारे रक्षा उद्योग के लिए बढ़ावा देने वाला साबित होगा. जहां एक ओर सी -298 एययक्राफ्ट एवरो -748 विमानों की जगह लेंगे. वहीं नए विमान उन भूमिकाओं की मांग के लिए उपयुक्त होंगे जो फिलहाल पुराने विमान नहीं कर सकते हैं.
किसी मौसम में विमान भर सकेंगे उड़ान
बताया जा रहा है कि पहले 16 विमानों की आपूर्ति दो वर्षों में की जाएगी और शेष 40 विमान अतिरिक्त आठ वर्षों में डिलीवर किए जाएंगे. खास बात यह है कि ये विमान किसी भी मौसम में अपने मिशन के लिए कम समय में उड़ान भर सकेंगे. इसके अलावा मंत्रालय ने अपनी समीक्षा में कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से वायुसेना के लिए 83 एलसीए एमके 1 ए विमान खरीदने के अनुबंध पर भी जल्द ही हस्ताक्षर होने की संभावना है. पिछले मार्च में, रक्षा मंत्रालय ने एचएएल से 83 एडवांस्ड तेजस जेट विमानों की खरीद के लिए हरी झंडी दी थी. यह सौदा 38,000 करोड़ रुपये में होने की उम्मीद है.