अमेरिका की दादागीरी ने ईरान को बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया है. अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से इस देश की अर्थ व्यवस्था इतनी खस्ताहाल हो चुकी है कि यहां लोगों को पेट भरने और पीने के पानी के लिए भी जूझना पड़ रहा है. यहां 25000 की एक रोटी बिक रही है. अर्थव्यवस्था के मामले में इस देश की स्थिति भी वेनेजुएला जैसी होने को है.ईरान की कुल राष्ट्रीय आय का आधा हिस्सा कच्चे तेल के निर्यात से हुआ करता था. अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से ईरान की तेल निर्यात से होने वाली आय लगभग बंद हो चुकी है. अपने परमाणु कार्यक्रमों की वजह से ईरान को लगभग 40 साल से लगातार विभिन्न तरह के अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है. 12 जून 2019 को अमेरिकी ड्रोन को मार गिराने के बाद ईरान पर प्रतिबंध और कड़े कर दिए गए हैं. दरअसल, अमेरिका नहीं चाहता है कि ईरान परमाणु शक्ति बने. अमेरिका के अनुसार, ईरान का परमाणु शक्ति बनना पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से ईरान की अर्थव्यवस्था अपने 40 साल के इतिहास में सबसे खराब दौर से गुजर रही है. इसका असर ईरान के आम लोगों और उनकी दैनिक जरूरतों पर भी पड़ रहा है. खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के कारण ईरान में इन दिनों महंगाई चरम पर है. एक रोटी जो साल भर पहले तक 1000 ईरानी रियाल (1.64 रुपये) में मिलती थी, आज उसकी कीमत 25000 ईरानी रियाल (40.91 रुपये) हो गई है. इसी तरह खाने-पीने की अन्य चीजें भी कम से कम तीन से चार गुना तक महंगी हो चुकी हैं.