डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर की जन्मशती पर परिचर्चा
यामिनी कांत शैक्षणिक संस्थान के परिसर में डॉक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर की जन्मशती के अवसर पर एक परिचर्चा सह कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस दिवस के मुख्य अतिथि डॉ वाकणकर जन्म शताब्दी वर्ष के प्रदेश संयोजक शिवाजी क्रांति थे । कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय परंपरा के अनुसार तिलक सम्मान और दीप प्रज्वलित कर किया गया ।
संस्था के शुभचिंतक बासंती प्रसाद सिंह ने अतिथि शिवाजी क्रांति को पुष्प गुच्छ देकर उनका अभिनंदन किया । इस परिचर्चा के दौरान डॉ विष्णु श्रीधर जी के जीवन वृत और उनके कृतित्व पर विस्तार से बात की गई । विद्यार्थियों को शोधपरक सोच रखने के लिए प्रेरित किया गया । शिवाजी क्रांति जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ विष्णु जी ने इतिहास, चित्रकला और पुरातत्व की जानकारी से हमारे साहित्य और संस्कृति की जानकारी को समृद्ध किया है।
इन्होने बताया कि डॉ विष्णु श्रीधर ने भीम बैठका गुफा, सरस्वती नदी की खोज के साथ साथ अपने देश के इतिहास को प्राचीन साबित करने का काम किया । डॉक्टर वाकणकर जन्म शताब्दी वर्ष के प्रदेश संयोजक शिवाजी क्रांति ने इस श्रृंखला के अन्तर्गत भविष्य की योजनाओं के बारे मे भी बताते हुए कहा कि हमें अपने इतिहास और धरोहर को सुरक्षित रखने की जरूरत है । इसके अन्तर्गत चित्रकला , प्राचीन स्थलों की खोज, वृत्तचित्र, वाकणकर के जीवन पर नृत्य नाटिका, स्मृति ग्रंथ, स्मारिका, सांस्कृतिक महोत्सव इत्यादि का आयोजन किया जाएगा । सभा को संबोधित करते हुए सचिव यामिनी कांत महतो ने कहा कि हमें अपने इतिहास को पुनर्जीवित करने की जरूरत है साथ ही वाकणकर के बताए विचारों का अनुसरण करना होगा ,तभी राष्ट्र विश्वगुरू बन सकता है । इस कार्यक्रम की संचालिका और समन्वयका डॉ कल्याणी कबीर थी। धन्यवाद ज्ञापन डॉ पूनम कुमारी ने दिया । इस कार्यक्रम में डाॅ आशा वर्मा, डॉ सोनाली राय, डॉ मौसमी महतो , डॉ पूनम कर्ण , प्रो रंजना आनंद, प्रो वसंत पंडित, प्रो तारा महतो, प्रो कार्तिक चंद्र साव प्रो सुशीला, प्रोफेसर सुशांति , प्रो प्रभाकर गिरी , प्रो संजू राय , तानिया सरकार , श्यामली दत्ता, के साथ साथ सभी व्याख्यातागण उपस्थित थे ।