वक्फ़ बोर्ड को निरस्त किया जाना चाहिए:एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय (पी आई एल मैन) से आज भारतीय जन महासभा का एक प्रतिनिधि मंडल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट परिसर नई दिल्ली में मिला । इस प्रतिनिधिमंडल में श्री ए के जिंदल , श्री भरत सिंह एवं श्री कमल राज जजवाडे जी सम्मिलित थे ।
आज सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल की सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने अपनी दलील रखी कि वक्फ़ एक्ट पहले बनाया गया था व उसके बाद वक्फ़ बोर्ड की स्थापना की गई जिसमें एक एम पी , एक एमएलए , एक स्कॉलर इस प्रकार से 7 लोगों को उस बोर्ड में रखा गया था । ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस बोर्ड में सारे ही लोग मुस्लिम थे ।
बताया कि किसी मुस्लिम के द्वारा किसी भी हिंदू संपत्ति या किसी मंदिर पर अगर कोई अंगुली भी रख देता है कि यह तो उनका है तो मंदिरों के लिए कोर्ट के दरवाजे बंद हैं । उनको बोर्ड के सामने ही पेश होकर के अपनी संपत्ति होने का प्रमाण प्रस्तुत करना पड़ेगा ।
एडवोकेट श्री अश्विनी उपाध्याय जी का कहना है कि इस प्रकार के वक्फ़ बोर्ड को निरस्त किया जाना चाहिए ।
बाद में इस बारे में आये हुए विभिन्न मीडिया/चैनलों के लोगों को एडवोकेट श्री अश्विनी उपाध्याय जी ने संबोधित किया ।
भारतीय जन महासभा ने उनसे आग्रह किया कि इस प्रकार के बोर्ड को तो भंग करवाना ही चाहिए और समस्त अन्य धर्म के जो गिरजाघर व मस्जिदें हैं उनकी तरह ही मंदिरों को भी स्वतंत्रता मिले । इनकी संपत्ति को कोई दूसरा उपभोग न कर सके ।
भारतीय महासभा के लोगों ने एडवोकेट श्री अश्विनी उपाध्याय जी से कहा कि भारतीय जन महासभा उनके साथ है और किसी भी प्रकार की कोई भी आवश्यकता लगे तो भारतीय जन महासभा के लोगों को सूचित किए जाने पर वह अवश्य उनकी हर संभव सहायता करने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे ।
यह जानकारी भारतीय जन महासभा के द्वारा जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है ।