गोरखपुर: शिलान्यास के पत्थर पर नाम होने के मामले ने इतना तूल पकड़ा कि भाजपा के सांसद और विधायक के बीच जमकर जूते चले. मामले को बढ़ता देख कलेक्टर और पुलिस अधिकारियों ने बीच-बचाव किया और दोनों को अलग-अलग किया. स्थिति को तनावपूर्ण होता देख जिला योजना समिति की चल रही बैठक को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया.उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले के प्रभारी मंत्री एवं प्राविधिक, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन उर्फ गोपाल की उपस्थिति में सांसद शरद त्रिपाठी और मेंहदावल के भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच मारपीट हो गई. मारपीट उस समय हुई जब प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जिला योजना समिति की बैठक चल रही थी.मारपीट के बाद डीएम रवीश गुप्त एवं पुलिस अधिकारियों ने बीच बचाव कर मामला शांत करा दिया है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. सांसद को सुरक्षित कलेक्ट्रेट ले जाया गया है. वहां पर विधायक के समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी है. वह सांसद के बाहर निकलने का इंतजार कर रहे हैं.कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार की शाम करीब पांच बजे प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में बैठक चल रही थी. इसी दौरान सांसद शरद त्रिपाठी ने पीडब्ल्यूडी प्रातीय खंड के एक्सईएन एके दूबे से मुखातिब होकर कहा कि करमैनी-बेलौली बंधे की मरम्मत कार्य का शिलान्यास कल संपन्न हो गया. शिलापट पर केवल विधायक का ही नाम क्यों है, क्या सांसद का नाम नहीं रह सकता, यह किस गाइडलाइन में है, कृपया मुझे बताएं.इस पर एक्सईएन ने कहा कि गलती हो गई, इसमें सुधार कर दिया जाएगा. इसी बीच मेहदावल के भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल ने कहा कि जो पूछना है मुझसे पूछें, एक्सईएन से नहीं. इस पर सांसद ने कहा कि आप जैसे तमाम विधायकों को मैंने देखा हैं.इसी बात पर भाजपा सांसद और भाजपा विधायक एक-दूसरे को अपशब्द कहने लगे. इतना ही नहीं अधिकारियों के बीच-बचाव के बाद भी सांसद और विधायक मारपीट कर बैठे. बैठक में ही मेहदावल विधायक के समर्थक आक्रोश में सांसद की ओर बढ़े लेकिन एएसपी असित श्रीवास्तव व अन्य पुलिसकर्मियों ने रोक लिया. उसके बाद सांसद को कलेक्ट्रेट ले जाया गया.