अगले पांच वर्ष में भारत में ऊर्जा क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं: प्रधानमंत्री मोदी
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को निवेशकों से भारत के ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने का आग्रह करते हुए कहा कि अगले पांच वर्ष में नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों के मद्देनजर देश में अनेक संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा, 50 लाख हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लक्ष्य के साथ-साथ तेल व गैस परिसंपत्तियों के लिए बोली के नए दौर की शुरुआत करने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ नए निवेश की संभावनाएं हैं और मुझे उम्मीद है कि आप भारत में सभी संभावनाओं का पता लगाएंगे।’’
मोदी ने भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 (आईईडब्ल्यू 25) को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ इन क्षेत्रों में निवेश की कई संभावनाएं हैं।’’
प्रधानमंत्री ने निवेशकों से कहा, ‘‘ आप सिर्फ भारत ऊर्जा सप्ताह का हिस्सा नहीं हैं, आप भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सभी विशेषज्ञ कह रहे हैं कि 21वीं सदी भारत की सदी है। भारत न केवल अपनी वृद्धि को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि वैश्विक वृद्धि को भी बल दे रहा है।’’
मोदी ने कहा कि भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाएं पांच स्तंभों पर आधारित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास संसाधन हैं जिनका हम उपयोग कर रहे हैं। हम अपने प्रतिभाशाली लोगों को नवाचार के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। तीसरा, हमारे पास आर्थिक ताकत और राजनीतिक स्थिरता है।’’
उन्होंने कहा कि भारत की भौगोलिक स्थिति रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है जो ऊर्जा व्यापार को आसान तथा अधिक आकर्षक बनाती है। इसके अलावा, भारत वैश्विक स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है और यह भारत के ऊर्जा क्षेत्र में नई संभावनाओं को बढ़ावा दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए अगले दो दशक बहुत महत्वपूर्ण हैं और अगले पांच वर्षों में हम कई उपलब्धियां हासिल करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे ऊर्जा लक्ष्य 2030 की समय-सीमा के अनुरूप हैं।’’
मोदी ने कहा कि 2030 तक हम 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ना चाहते हैं, भारतीय रेलवे 2030 तक शून्य उत्सर्जन स्तर पर पहुंच जाएगी और हमारा लक्ष्य 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन हासिल करना है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने जो कुछ भी हासिल किया है, उससे पता चलता है कि ये लक्ष्य भी हासिल किए जाएंगे।
मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। पिछले 10 वर्षों में सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 32 गुना वृद्धि हुई है। आज भारत तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश है और गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता में तीन गुना वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि भारत पेरिस वैश्विक जलवायु सम्मेलन द्वारा निर्धारित कार्बन उत्सर्जन कटौती लक्ष्य को पूरा करने वाला जी-20 सदस्य देशों में पहला देश है।
भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 के दौरान, ऊर्जा खरीदार राष्ट्रीय राजधानी में उत्पादकों के साथ बैठकें करेंगे।
आईईडब्ल्यू मंत्रिस्तरीय तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) की भागीदारी, प्रदर्शनी स्थल व सत्रों की संख्या के मामले में विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा ऊर्जा कार्यक्रम है।
यह कार्यक्रम एक मॉडल के रूप में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के साथ भारत की सफलता को प्रदर्शित करता है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, नीतिगत चर्चाओं को आगे बढ़ाना और दुनिया भर के मकानों के लिए स्वच्छ, सस्ती व सुलभ खाना पकाने की गैस सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी साझाकरण को सुविधाजनक बनाना है।