गढ़वा : प्रकृति पर्व करमा की सोमवार को पूरी रात धूम रही। निराहार व्रतियों ने पूजा अर्चना कर नाचते गाते हुए रात्रि जागरण किया। जइसे करम बाबा जल में जुड्इले भइया के ओइसहीं जुड़इह ए दइयो …भाई की सलामती के लिए व्रत करती बहन के गीतों में यह पंक्तियां हर गांव गली में सजे धजे पूजा पंडाल में गुंजती रहीं।
सुबह में दिन चढ़े सहेलियों के झुंड में व्रती युवतियां करम की डाली लाने गईं। वहीं दोपहर बाद सभी नदी, तालाब, आहरों में गीत गाते स्नान करने गईं। इधर गांव-गांव में सजे धजे पंडाल में रात में पूजा-अर्चना व रात्रि जागरण किया गया।
चटनियां, लमारी कला, घटहुआं कला, रकसही, नवडिहवा, अधौरा, तेलियानिजामत, देवडीह, सोनपुरवा सहित लगभग सभी गावों में भाई बहन के त्योहार प्रकृति पर्व करमा का आयोजन किया गया।