गीता थिएटर एवं रॉबिन हुड आर्मी के संयुक्त तत्वावधान स्पेशल समर कैंप का दूसरे चैप्टर का हुआ समापन
समापन समारोह में पहुंचे युवाओं के प्रेरणास्त्रोत कुणाल सारंगी
राष्ट्र संवाद संवाददाता
शहर की नाट्य संस्था गीता थिएटर एवं रॉबिन हुड आर्मी जमशेदपुर के संयुक्त तत्वावधान से शहर के वंचित बच्चों हेतु आयोजित स्पेशल समर कैंप के दूसरे चैप्टर का बिस्टुपुर स्थित आंध्र भक्त श्रीराम मंदिरम मध्य स्कूल में समापन हुआ।
समर कैंप के चौथे दिन पहले आते ही गायत्री मंत्र का उच्चारण सीखा जिसके बाद संगीत प्रशिक्षक रंजीत दास ने बच्चों को 7 सुर सा..रे..गा..मा..पा..धा..नि.. के बारे बताते हुए गीत गाना सिखाया, जिसके पश्चात आत्मरक्षा हेतु मार्शल आर्ट्स और आपातकालीन स्थिति में सीपीआर देने के तरीके को जाना जिसके बाद कुछ देर का विराम समय दिया गया जिसमें बच्चों को संपूर्ण आश्रम संस्था की ओर से खाने को पोष्टिक फल वितरित किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि झारखंड प्रदेश के युवाओं के प्रेरणास्त्रोत कुणाल सांरगी समर कैंप में पहूंचे।
कुणाल सांरगी जी को विद्यालय के छात्र-छात्राओं को नशा मुक्ति पर संबोधित करना था ,जो उन्होंने बहुत ही मनमोहक तरीके से बच्चों को किया, उन्होंने अपने जीवन से जुड़े अनुभव को साझा करते हुए कहा एक समय था जब मैं 2 कदम चलकर थक जाता था खुद को उम्र से ज्यादा महसूस करने लगा था कम उम्र में ही मेरे शरीर में ऐसे लक्षण आने लागे थे कि मुझे अंदर से अस्वस्थ महसूस होता था, फिर मैंने विचार किया की ऐसे में तो मेरा जो लक्ष्य है वो पूरे नहीं हो पाएंगे और मैंने उस दिन से ही नशापान को एकदम बंद कर दिया और आज मैं कई देर पैदल चल लेता हूं मुझे जल्दी थकान महसूस नहीं होता बल्कि मैं अब खुद को ऊर्जा से भरपूर 16 साल का बालक महसूस करने लगा हूं ऐ सब मेरे नशा से दूरी और जीवन में योग को अपनाने से हुआ है।
समापन समारोह में धन्यवाद ज्ञापन देते हुए गीता थिएटर की अध्यक्ष गीता कुमारी ने कहा यह स्पेशल समर कैंप शहर के निम्न -मध्यवर्गीय एवं कृष्ट परिवारों के विषेश बच्चों के लिए नि:शुल्क आयोजित करते हैं ताकि ऐसे बच्चे भी ड्रामा, डांस, संगीत, चित्रांकन, मज़ेदार खेल के साथ स्वास्थ्य- स्वच्छता, गुड टच बैड टच, नागरिक सुरक्षा, धर्म से जुड़ी बातें जानें और एक बेहतर कल का निर्माण करें।
इस समर कैंप को आयोजित करने का उद्देश्य निम्न -मध्यवर्गीय एवं कृष्ट परिवारों के बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ते हुए उन्हें नैतिक मूल्यों का शिक्षा प्रदान करना, सामाजिक गतिविधियों, हिंसा एवं नशापान को जीवन से दूर रखने के लिए जागरूक करना है तथा इस वर्ग में छुपे प्रतिभा को पहचान कर निखारते हुए मंच प्रदान करना भी है।