Close Menu
Rashtra SamvadRashtra Samvad
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • होम
    • राष्ट्रीय
    • अन्तर्राष्ट्रीय
    • राज्यों से
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
      • ओड़िशा
    • संपादकीय
      • मेहमान का पन्ना
      • साहित्य
      • खबरीलाल
    • खेल
    • वीडियो
    • ईपेपर
      • दैनिक ई-पेपर
      • ई-मैगजीन
      • साप्ताहिक ई-पेपर
    Topics:
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Home » गठबंधन के लिए गले की फांस बना भ्रष्टाचार का मुद्दा, क्या जवाब देंगे राहुल
    Breaking News Headlines जमशेदपुर जामताड़ा झारखंड बिहार रांची राजनीति राष्ट्रीय

    गठबंधन के लिए गले की फांस बना भ्रष्टाचार का मुद्दा, क्या जवाब देंगे राहुल

    News DeskBy News DeskMay 7, 2024No Comments5 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link

     

    गठबंधन के लिए गले की फांस बना भ्रष्टाचार का मुद्दा क्या जवाब देंगे राहुल

    देवानंद सिंह

    एक तरफ लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी उफान पर है, वहीं, झारखंड में वरिष्ठ मंत्री आलमगीर आलम के पीएस के घरेलू नौकर के यहां ईडी की दबिश में मिली करीब 35 करोड़ की रकम ने गठबंधन की समस्या बढ़ा दी है।

     

     

     

    कुल मिलाकर परिस्थिति यह है कि गठबंधन के नेताओं के लिए इस पर जवाब देना मुश्किल हो रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भी आज झारखंड के चाईबासा और गुमला जिले के बसिया में चुनावी रैलियां होने वाली हैं, निश्चित ही उनके लिए यह मुद्दा गले की फांस बनने वाला है और बीजेपी को यह एक बड़ा मुद्दा भी मिल गया है, क्योंकि बीजेपी पहले से ही गठबंधन को भ्रष्टाचार के मामले में घेरते रही है। अब इस मुद्दे के बाद गठबंधन के सामने चुनौती और बढ़ने वाली है। इसीलिए सवाल यह भी है कि अगर, आज राहुल गांधी झारखंड में जाकर सभाएं कर रहे हैं तो वह किस मुंह से जनता से वोट मांगेंगे ? क्या वह इस बात से इनकार कर पाएंगे कि यह रकम भ्रष्टाचार के जरिए जुटाई गई है और इसका संबंध उनकी ही पार्टी के मंत्री से जुड़ रहा है? इसीलिए यह गठबंधन के लिए परेशानी का सबब बनने वाला है, क्योंकि पहले से भी गठबंधन सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है।

     

     

    बता दें कि लंबे समय से देश भर में काले धन के खिलाफ अभियान चल रहा है। जांच एजंसियां लगातार सक्रिय हैं। मगर, तमाम कवायदों के बावजूद इस समस्या से पार पाना बड़ी चुनौती बनी हुई है। तमाम एक्शन के बाद भी भ्रष्टाचार की घटनाएं खत्म नहीं हो रही हैं। झारखंड तो जैसे भ्रष्टाचार का गढ़ ही बन गया है। सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी द्वारा की गई कारवाई में जिस तरह झारखंड की राजधानी रांची में राज्य सरकार में मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के घरेलू सहायक के घर छापेमारी की, जिसमें पैतीस करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी बरामद हुई, यह निश्चित ही चौंकाने वाला मामला है।
    दरअसल, यह छापेमारी झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता से जुड़े मामले में हुई है, जिसे ईडी ने पिछले वर्ष धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया था। धनशोधन का सिरा मंत्री के निजी सचिव और उसके घरेलू सहायक से भी जुड़ा हुआ था, इसलिए ईडी ने उसे जांच और कार्रवाई के दायरे में लिया। सवाल है कि इतनी बड़ी रकम काले धन के रूप में किसी के घर में पड़ी थी, तो इस तरह का भ्रष्टाचार बिना किसी उच्च स्तरीय संरक्षण के चलना कैसे संभव है ?

     

     

    झारखंड में चल रही झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की सरकार और उसके नेता पिछले चार सालों में भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोपों में घिरे हैं। 1200 करोड़ का माइनिंग स्कैम, मनरेगा घोटाला, माइनिंग लीज का अवैध आवंटन, कोल लिंकेज स्कैम, सेना और आदिवासियों की जमीन के घोटाले की आंच सीधे सीएमओ तक पहुंची।

     

     

    निश्चित ही यह सवाल उठता है कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ अभियान चलाने और इसके खात्मे के लिए हर स्तर पर कार्रवाई करते हुए पिछले आठ-वर्षों में जितने वादे और दावे किए गए, उसके मुकाबले कामयाबी कहां दिखती है। आखिर क्या वजह है कि हर कुछ दिनों बाद किसी नेता या अधिकारी के घर या दफ्तर में छापे मारे जाते हैं, वहां से करोड़ों रुपए नगद बरामद होते हैं? यह समझना मुश्किल है कि जांच एजंसियों की सघन कार्रवाइयों के बीच दीवार फोड़ कर कहां से इतनी भारी मात्रा में नगदी निकल आती है?

     

    इसका क्या कारण है कि काले धन पर काबू पाने के लिए बनाए गए कायदे-कानून को लेकर सख्ती के दावों के बावजूद भ्रष्ट आचरण में लिप्त नेता या अफसर को कई-कई करोड़ रुपए नगद अपने घरों में छिपा कर रखने में कोई खौफ नहीं होता? कहा जा सकता है कि सरकारी एजंसियां भ्रष्टाचार और काले धन की समस्या को खत्म करने को लेकर सक्रिय हैं। मगर, यह भी सच है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ने और संबंधित महकमों या एजंसियों की अति-सक्रियता के बावजूद इस समस्या पर काबू पाना आज भी मुश्किल साबित हो रहा है, जहां तक चुनावी सियासत का सवाल है,

     

     

    उस परिस्थिति में यह मुद्दा गठबंधन के लिए गले की फांस नहीं बनेगा उससे इनकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि राज्य में जब से गठबंधन सरकार बनी है, तब से कई मामले सामने आए चुके हैं। चुनाव के मौके जब भ्रष्टाचार को लेकर गठबंधन के खिलाफ माहौल बना रही है, ऐसे में गठबंधन के नेताओं के पास जनता के बीच जाने का क्या मुद्दा रह जाएगा, क्योंकि अगर नेताओं और उनसे जुड़े लोगों के यहां इस तरह रकम मिलती रही तो निश्चित ही जनता में गलत संदेश जाता है और उसका चुनाव में भी असर देखने को मिलता है।

    गठबंधन के लिए गले की फांस बना भ्रष्टाचार का मुद्दा क्या जवाब देंगे राहुल
    Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Previous Articleलोजपा नेता विनय कुमार सिंह ने एनडीए प्रत्याशी गिरिराज सिंह के पक्ष में चलाया जनसंपर्क अभियान
    Next Article टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन में सेवानिवृत्त हुए सभी कर्मचारियों को सम्मानित किया एवं विदाई दी

    Related Posts

    बीएसएफ जवान का पार्थिव शरीर पटना हवाई अड्डे पहुंचा, नवादा में होगा अंतिम संस्कार

    May 17, 2025

    नीरज चोपड़ा ने आखिरकार 90 मीटर की बाधा पर की, लेकिन दोहा डायमंड लीग में दूसरे स्थान पर रहे

    May 17, 2025

    उच्चतम न्यायालय ने अवकाशकालीन पीठों के संबंध में अधिसूचना जारी की

    May 17, 2025

    Comments are closed.

    अभी-अभी

    बीएसएफ जवान का पार्थिव शरीर पटना हवाई अड्डे पहुंचा, नवादा में होगा अंतिम संस्कार

    नीरज चोपड़ा ने आखिरकार 90 मीटर की बाधा पर की, लेकिन दोहा डायमंड लीग में दूसरे स्थान पर रहे

    उच्चतम न्यायालय ने अवकाशकालीन पीठों के संबंध में अधिसूचना जारी की

    डा सुधा नन्द झा ज्यौतिषी जमशेदपुर झारखंड द्वारा प्रस्तुत राशिफल क्या कहते हैं आपके सितारे देखिए अपना राशिफल

    कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी पर विजय शाह के बयान से सवालों के घेरे में राजनीतिक संस्कृति

    गणि राजेन्द्र विजयजी के 51वें जन्म दिवस: 19 मई 2025 गणि राजेन्द्र विजयः दांडी पकडे़ गुजरात के उभरते हुए ‘गांधी’ -ललित गर्ग –

    राष्ट्र संवाद हेडलाइंस

    एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ टीम ने यातायात जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया

    गीता थिएटर एवं रॉबिन हुड आर्मी के संयुक्त तत्वावधान स्पेशल समर कैंप का दूसरे चैप्टर का हुआ समापन

    अखिल भारतीय पुर्व सैनिक के सक्रिय कार्यकर्ता की पत्नी के गले से सोने का चेन छीनकर भागे बदमाश

    Facebook X (Twitter) Telegram WhatsApp
    © 2025 News Samvad. Designed by Cryptonix Labs .

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.